प्रदेश में कैसे होंगे विकास कार्य, पूर्व व वर्तमान सरकार ने ठेकेदारों को बना दिया कर्ज़दार

प्रदेश में कैसे होंगे विकास कार्य, पूर्व व वर्तमान सरकार ने ठेकेदारों को बना दिया कर्ज़दार

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में सूबे के ठेकेदारों का करीब छह हजार करोड़ रुपये का भुगतान फंस गया है। छह माह से देय धनराशि का भुगतान न होने से ठेकेदार आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे हैं। बजट के अभाव में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। कई सड़कों, पुलों और नए भवनों के निर्माण कार्य भी लटक गए हैं। नए टेंडर भी बजट के अभाव में नहीं हो पा रहे। तत्कालीन भाजपा सरकार के समय पीडब्ल्यूडी में जिन विकास कार्यों के टेंडर आवंटित हुए थे, उनमें से 75 फीसदी कार्य टेंडर शर्तों के अनुसार नवंबर और दिसंबर 2022 तक पूरे हो चुके हैं।

निर्माण कार्य पूरे होने के बाद ठेकेदारों ने अपने बिल विभाग में जमा करवाए थे लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। भुगतान न होने के चलते उन निर्माणाधीन प्रोजेक्टों के कार्य भी लटक गए हैं, जोकि 31 मार्च 2023 तक पूरे होने थे। कुछेक ठेकेदारों ने तो बैंकों से कर्ज लेकर और अपनी बैंक एफडी का पैसा निकालकर निर्माण सामग्री और मजदूरी का इस विश्वास के साथ दे दिया था कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भविष्य में विभाग की ओर से उन्हें जल्द भुगतान हो जाएगा। लेकिन अब रिकवरी के लिए बैंक के नोटिस आने शुरू हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी गंभीर आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है। अकेले हमीरपुर जोन की बात करें तो यहां 1,500 करोड़ का भुगतान लंबित है। प्रदेश में पीडब्ल्यूडी के धर्मशाला, मंडी, शिमला और हमीरपुर पांच जोन हैं। प्रत्येक जोन में ठेकेदारों का 1,500 से 1,800 करोड़ रुपये का भुगतान फंसा हुआ है। जब ठेकेदार पीडब्ल्यूडी के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं तो उन्हें जवाब मिल रहा है कि अभी तक सरकार की ओर से बजट नहीं मिला है। इन ठेकेदारों का भुगतान अब और भी मुश्किल हो गया है। चूंकि केंद्र सरकार ने हिमाचल के कर्ज लेने की सीमा और बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना के बजट में भी करोड़ों रुपये की कटौती कर दी है। इसके चलते ठेकेदार अब पीडब्ल्यूडी के नए विकास कार्यों के टेंडर में हाथ डालने से भी पीछे हटने लगे हैं।

हमीरपुर जोन के विभिन्न डिवीजनों से भुगतान को लेकर अधिशासी अभियंताओं और ठेकेदारों के फोन आ रहे हैं। फिलहाल, विभाग के पास अभी तक बजट की कमी चल रही है। बजट आने के बाद लंबित भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।-ई. जितेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी हमीरपुर जोन

दिसंबर से मार्च के बीच का बजट नहीं आने से फंसा बैकलॉग
शिमला। दिसंबर से मार्च के बीच का बजट नहीं आने के बाद राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में ठेकेदारों के भुगतान का यह बैकलॉग फंसा हुआ है। यह भुगतान केवल लोक निर्माण विभाग में ही नहीं बल्कि जलशक्ति और अन्य महकमों में भी अटका हुआ है। राज्य लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि इस बैकलॉग को खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार को लिखा गया है। जैसे ही इस बारे सरकार से बजट आ जाता है तो पेमेंट कर दी जाएगी। आहिस्ता-आहिस्ता पिछला बैकलॉग निकाला जा रहा है।

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