प्रदूषण को रोकने के लिए आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू

प्रदूषण को रोकने के लिए आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू

नई दिल्ली
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली-एनसीआर में आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू हो जाएगा। अगले आदेशों तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल-पेट्रोल जनरेटर पूरी सर्दी बंद रहेंगे। प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर दूसरी पाबंदियां भी लागू की जाएंगी।

उधर, नियमों को लागू करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने भी कमर कस ली है। औचक निरीक्षण के लिए 50 टीमें गठित करने के साथ सभी सिविक एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में नियमों को पालन सुनिश्चित करें।
डीपीसीसी ने बुधवार को एमसीडी, डीडीए, पीडब्ल्यूडी समेत सभी एजेंसियों को निर्देश जारी किया है कि दिल्ली में गुरुवार से डीजल-पेट्रोल जनरेटर बंद होंगे। इसके एवज में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश बिजली कंपनियों को दिया गया है।
हालांकि, हेल्थ केयर सेवा, दिल्ली मेट्रो, रेलवे, एलीवेटर समेत दूसरी आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। डीपीसीसी ने अपने आदेश में कहा है कि ईपीसीए की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन हो, जिससे वायु प्रदूषण को सीमित रखने में मदद मिल सके।

हवा नहीं सुधरी तो लागू होगा अगला चरण
पहले चरण में डीजल-पेट्रोल सेट पर पाबंदी लगाने के बाद अगर हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर चली जाती है तो स्टोन क्रशर, हॉट मिक्स प्लांट व ईंट भट्ठे बंद होंगे। साथ ही सड़कों की मैकेनाइज्ड क्लीनिंग के साथ नियमित अंतराल पर पानी का छिड़काव करना होगा। फिर भी, अगर हालात नहीं सुधरते तो दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद करने व ऑड-ईवन सरीखे आपात कदम उठाने पड़ेंगे।

कंट्रोल रूम देगा हर घंटे की जानकारी
दिल्ली-एनसीआर की हवा साफ रखने के मकसद से सीपीसीबी ने 50 टीमें गठित की हैं, जो प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर नजर रखेंगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि 15 अक्तूबर से अगले साल 28 फरवरी तक सीपीसीबी की टीमें दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, बल्लभगढ़, सोनीपत और राजस्थान के भिवाड़ी, अलवर भरतपुर में औचक निरीक्षण करेंगी।

इन टीमों की नजर खासतौर से हॉटस्पॉट वाली जगहों पर रहेगी। सीपीसीबी मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां हर घंटे प्रदूषण के आंकड़े जारी किए जाएंगे। सीपीसीबी की टीमों के साथ बेहतर तालमेल बैठाने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।

 

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