प्रतिमा से पर्दा हटाने का समय नहीं!

नादौन (हमीरपुर)। देश के लिए जान की बाजी लगाने वालों के लिए की मूर्ति का अनावरण करने के लिए आज राजनीतिज्ञों के पास ही समय नहीं है। यही कारण है कि दो बलिदानियों की प्रतिमाएं दो साल से अनावरण का इंतजार में हैं। साथ ही प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं कि आखिर राजनेताओं का ही इंतजार क्यों किया जा रहा है? साहित्यकार, समाज सेवी, प्रशासनिक अधिकारी से ही मूर्तियों का अनावरण क्यों नहीं करवा दिया जाता। लंबे अर्से से मूर्तियों पर पड़ा पर्दा हट जाए। दोनों प्रतिमाएं राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे स्थापित की गई हैं।
नादौन बस स्टैंड के पास बने यशपाल साहित्य सदन परिसर में स्वर्गीय यशपाल की प्रतिमा करीब दो वर्षों से तैयार हैं। मूर्तिकार ने प्रतिमा को अनावरण के लिए ढक रखा है। यशपाल साहित्य परिषद ने कई बार प्रशासन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री तक को प्रतिमा का अनावरण करने का आग्रह किया। लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बीते दो साल में लेखक एवं साहित्यकार यशपाल की जयंती भी मनाई गई। फिर भी अनावरण के लिए किसी राजनेता या प्रशासनिक अधिकारी ने अनावरण की जहमत नहीं उठाई। वार्ड नंबर 7 में एनएच महान योद्धा अन्सरा गांव निवासी जरनल जोरावर सिंह की प्रतिमा भी अनावरण के लिए कपड़े से ढक कर रखी गई है। जनरल जोराबर सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में देश के जम्मू-कश्मीर की सीमाओं से सटे नेफ़ ा तथा लद्दाख में चीन की ओर से आने वाले दुश्मनों से लोहा लेते हजारों वर्ग मील क्षेत्र को भारतीय सीमा का हिस्सा बनाया था। दोनों ही प्रतिमाओं को बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने भी राशि दी है।
भाषा एवं संस्कृति अधिकारी त्रिलोक सूर्यवंशी ने बताया कि दोनों ही प्रतिमाओं का अनावरण करने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा गया है और शीघ्र ही अनावृत कर दिया जाएगा।

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