पीटीएम रिपोर्ट जारी, अभिभावकों की राय रखी जाएगी कैबिनेट बैठक में

पीटीएम रिपोर्ट जारी अभिभावकों की राय रखी जाएगी

शिमला
कोरोना काल में हिमाचल के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले 5.40 लाख अभिभावक अपने बच्चों को परामर्श लेने के लिए स्कूल भेजने को तैयार हैं। 16 से 19 अक्तूबर तक चली ई पीटीएम के दौरान 7.30 लाख अभिभावकों के साथ हुए संवाद के आधार पर इस आंकड़े का खुलासा हुआ है। ई पीटीएम के तहत 42400 शिक्षकों ने प्रदेश के 98 फीसदी शिक्षा खंडों में 93 फीसदी अभिभावकों से सुझाव लिए। 6.40 लाख अभिभावकों के साथ ऑनलाइन और 90 हजार अभिभावकों के साथ आमने-सामने बैठक कर पीटीएम हुई। शुक्रवार को शिक्षा सचिव के साथ चर्चा के बाद समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने ई पीटीएम की रिपोर्ट जारी की।

ई पीटीएम 15 अक्तूबर को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शुरू की थी। 16 से 19 अक्तूबर तक अभिभावकों ने ऑनलाइन और स्कूलों में जाकर पीटीएम में भाग लिया। इसमें विद्यार्थियों के निरंतर सीखने को सुनिश्चित करने के लिए संचालित हर घर पाठशाला कार्यक्रम के तहत साप्ताहिक व्हाट्सएप आधारित प्रश्नोत्तरी और फर्स्ट टर्म परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन व छात्रों के उपलब्धि में सुधार के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई। अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चर्चा के प्रमुख विषयों में स्कूल खोलने पर भी चर्चा की गई।
इसमें 74 फीसदी अभिभावकों ने बताया कि वे बच्चों को मार्गदर्शन के लिए स्कूल भेजने को तैयार हैं। लगभग 89 फीसदी ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह की ई-पीटीएम होनी चाहिएं। 75 फीसदी से अधिक शिक्षकों ने बताया कि वे ई-पीटीएम के अलावा भी अभिभावकों के साथ निरंतर संवाद कर रहे हैं। राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि शिक्षा विभाग सभी अभिभावकों, शिक्षकों और अधिकारियों की भागीदारी के साथ राज्य के सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षण को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयासरत है।

कैबिनेट बैठक में रखी जाएगी अभिभावकों की राय
हिमाचल में स्कूल खोलने के लिए अभिभावकों की ओर से दी राय से 27 अक्तूबर को कैबिनेट बैठक में अवगत करवाया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों की ओर से भेजे माइक्रो प्लान की रिपोर्ट भी कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी।

अगस्त में 2.67 लाख अभिभावक थे स्कूल खोलने के पक्ष में
अगस्त में हुई ई पीटीएम में 2.67 अभिभावक कम संख्या वाले स्कूलों को एहतियात के साथ खोलने के पक्ष में थे। इस दौरान 48 हजार शिक्षकों ने 7.05 लाख से अधिक छात्रों के अभिभावकों से संवाद किया था।

 

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