पीएम मोदी की कर्नाटक रैली पर जय राम रमेश का तीखा हमला, गंम्भीर जल संकट में नहीं की मोदी ने कर्नाटक की मदद

पीएम मोदी की कर्नाटक रैली पर जय राम रमेश का तीखा हमला, गंम्भीर जल संकट में नहीं की मोदी ने कर्नाटक की मदद

कर्नाटक के शिवमोगा में प्रधानमंत्री मोदी की रैली पर खूब बरसे जय राम रमेश उन्होंने कर्नाटक के जल संकट के दौरान मोदी सरकार पर राज्य के लोगों की मदद न करने का कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री आज कर्नाटक के शिवमोगा में रैली करेंगे। हमें उम्मीद है कि वह अपने संबोधन में राज्य के कुछ प्रमुख मुद्दों को संबोधित करेंगे।

मोदी सरकार ने कर्नाटक के लोगों की मदद नहीं की- जयराम

जयराम रमेश ने कहा कि कर्नाटक राज्य के अधिकांश हिस्सों में गंभीर सूखे की स्थिति के कारण गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, राज्य के 236 तालुकाओं में से 223 सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मोदी सरकार से सूखा राहत के लिए 18,172 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है। मोदी सरकार ने अब तक कर्नाटक के लोगों की मदद करने से इनकार क्यों किया है।

मनरेगा कार्य दिवस की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 करने की मांग
जयराम रमेश ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सूखे से संबंधित तनाव को कम करने में मदद करने के लिए कर्नाटक सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 करने की मांग की है। योजना में सूखे की अवधि के दौरान ऐसा करने का प्रावधान है। हालांकि, मोदी सरकार न केवल योजना के विस्तार को मंजूरी देने में विफल रही है, बल्कि वह उन लोगों के वेतन भुगतान के लिए 1600 करोड़ रुपये जारी करने में भी विफल रही है।

मनेरगा श्रमिकों को मजदूरी भुगतान कब तक- जयराम 
मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए जयराम रमेश ने सवाल पूछा कि पीएम मोदी कर्नाटक के मनरेगा श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान कब करने जा रही है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आते ही ‘अन्न भाग्य योजना’ के माध्यम से गरीब परिवारों को अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल उपलब्ध कराने के प्रयासों को मोदी सरकार ने बाधित कर दिया है।

कर्नाटक सरकार को चावल बेचने से इनकार- जयराम रमेश
उन्होंने आरोप लगाया कि शुरुआत में योजना की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल कर्नाटक सरकार को 34 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचने पर सहमत होने के बाद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने कर्नाटक सरकार को चावल बेचने से इनकार कर दिया है।

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