पाकिस्तान जल्द हो सकता है ब्लैक लिस्ट, बचने के लिए FATF को मनाने बैंकॉक रवाना हुए पाक विशेषज्ञ

इस्लामाबाद
pakistan team leaves for bangkok to hold meeting with fatf on terror financing

खास बातें

  • आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर शिकंजा कसने में नाकाम पाक
  • ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में लाने पर अक्टूबर में फैसला
  • एफएटीएफ का एशिया-प्रशांत समूह कर चुका है ब्लैक लिस्ट

आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर शिकंजा कसने में नाकामी के चलते ब्लैक लिस्ट में शामिल होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान ने खुद को बचाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी के तहत पाकिस्तानी विशेषज्ञों का 20 सदस्यीय दल आतंकी फंडिंग पर पूरे विश्व में नजर रखने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को मनाने के लिए बैंकॉक रवाना हो गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को बताया गया कि इस दल का लक्ष्य एफएटीएफ के सदस्य देशों को आतंकी फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए अपने देश की तरफ से की जा रही कार्रवाई पर आश्वस्त करने का है। बता दें कि पहले से ही ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में लाने पर फैसला एफएटीएफ की 13 से 18 अक्टूबर तक होने वाली पूर्ण बैठक में होने की संभावना है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को रवाना हुए पाकिस्तानी दल का नेतृत्व आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर कर रहे हैं, जबकि इसमें फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी, स्टेट बैंक, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान, एंटी नारकोटिक्स फोर्स और इंटेलिजेंस एजेंसी के अधिकारी शामिल किए गए हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस मामले में रविवार रात को ही पहली अनौपचारिक बैठक होने की संभावना है, लेकिन औपचारिक तौर पर एफएटीएफ के साथ पाकिस्तानी दल की वार्ता सोमवार से शुरू होगी।

रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से जानकारी देते हुए यह बताया गया कि यह वार्ता 13 सितंबर तक चलेगी, जिसमें यह तय होगा कि पाकिस्तान का नाम ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा या उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाएगा।

एफएटीएफ का एशिया-प्रशांत समूह कर चुका है ब्लैक लिस्ट

एफएटीएफ के साथ इस वार्ता की पाकिस्तान के लिए इस कारण बेहद मानी जा रही है, क्योंकि इस संस्था का एशिया-प्रशांत समूह (एपीजी) पहले ही पड़ोसी देश को ब्लैक लिस्ट में शामिल कर चुका है। इस कारण पाकिस्तान को हर तिमाही में अपनी कार्रवाईयों की रिपोर्ट एपीजी को सौंपनी होगी। एपीजी की तरफ से भेजे गए समन में उठाए गए 125 सवालों के जवाब भी पाकिस्तानी दल को एफएटीएफ के साथ वार्ता के दौरान पेश करने होंगे।

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