पांच हजार परिवार शौचालय सुविधा से वंचित

हमीरपुर। हमीरपुर की सभी पंचायतें शौच मुक्त घोषित हो चुकी हैं लेकिन बावजूद इसके गांवों में अभी भी खुले में शौच जाना जारी है। कागजी तौर पर हमीरपुर की 229 पंचायतों को शौच मुक्त दर्शाया गया है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जिला में करीब पांच हजार परिवार अभी भी खुले में शौच जा रहे हैं। इनमें से कई परिवारों द्वारा सांझे शौचालयों का प्रयोग किया जा रहा है। यही नहीं निर्मल पुरस्कार प्राप्त पंचायतों में भी इस तरह की स्थिति बनी हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला की कुल 157 ग्राम पंचायतें निर्मल पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं लेकिन ये पंचायतें अभी भी खुला शौच मुक्त नहीं है। हालांकि विभाग पंचायताें को ख्ुाला शौच मुक्त बनाने के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक पंचायतें खुला शौच मुक्त नहीं हो पाई है। पंचायतों में खुले में शौच जाने वालों में प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक है। ग्रामीणों राकेश कुमार, रजनीश कुमार, नरेंद्र, सुनील कुमार, प्रताप, विनोद कुमार, सुभाष, अमरजीत, विजय कुमार ने बताया कि पंचायतों में 20 प्रतिशत आबादी अभी भी खुले में शौच करती है। इन पंचायतों में निर्मल पुरस्कार प्राप्त पंचायतें भी शामिल हैं। विभाग द्वारा पंचायतों को खुला शौच मुक्त बनाने के लिए सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है लेकिन पंचायतों में अभी भी खुले में शौच जाने पर संपूर्ण अंकुश नहीं लग पाया है।
इस संदर्भ में डीआरडीए परियोजना निदेशक राकेश शर्मा का कहना है कि पंचायतों को खुला शौच मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही पंचायतें पूरी तरह से शौच मुक्त हो जाएंगी।

Related posts