परीक्षा परिणाम का सख्ती से आकलन,कम परिणाम देने वाले शिक्षकों को इस बार वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी

शिमला
फाइल फोटो
वार्षिक परीक्षाओं में कम परिणाम देने वाले शिक्षकों को इस बार वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों का परिणाम सुधारने के लिए फैसला लिया है। सभी जिला उपनिदेशकों को वेतन वृद्धि रोकने का फरमान जारी किया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि अगर परिणाम में कोई शिक्षक सुधार नहीं कर पा रहा है तो सरकार के निर्देशानुसार उसकी एक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी।

मार्च में होने वाली दसवीं-जमा दो कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ नौवीं और जमा एक कक्षा में विषयवार परीक्षा परिणाम का सख्ती से आकलन करने का फैसला लिया है। जिन शिक्षकों का परीक्षा परिणाम बीते कुछ वर्षों से कम चल रहा होगा, उनकी इस साल वेतन वृद्धि नहीं होगी। साल 2017 में भी कई की वेतन वृद्धि रुकी थी।

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार ने शिक्षकों को उत्साहित करने के लिए कम परिणाम आने पर शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए भविष्य में अधिक मेहनत करने को कहा था। अब सरकार के दो साल पूरे होने के बाद शिक्षा निदेशालय ने कम परिणाम में सुधार नहीं लाने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसने का फैसला लिया है।

कुल्लू-मंडी के 27 प्रवक्ताओं की रुकी वेतन वृद्धि बहाल

शैक्षणिक सत्र 2018-19 के दौरान कम परीक्षा परिणाम देने वाले कुल्लू और मंडी जिला के 27 प्रवक्ताओं की फिलहाल वेतनवृद्धि नहीं रुकेगी। शिक्षा निदेशालय ने इन दोनों जिलों के उपनिदेशकों को पत्र जारी कर 27 दिसंबर और 30 दिसंबर 2019 को जारी वेतन वृद्धि रोकने के आदेशों पर आगामी फैसला न होने तक कार्यान्वयन नहीं करने को कहा है। जिला कुल्लू में सात और जिला मंडी में 20 स्कूल कॉडर के प्रवक्ताओं की कम परीक्षा परिणाम देने पर वेतन वृद्धि रोकने को कहा गया था।

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