शिमला। प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता हटने से राजधानी में सोमवार (12 दिसंबर) से निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ेंगे।
नगर निगम भी शहर में नए कार्यों को शुरू करने के साथ ही सितंबर-अक्तूबर से लंबित पड़े भवनों के सैकड़ों नक्शों को मंजूरी देने जा रहा है। इसके लिए अगले हफ्ते ही नगर निगम की हाउस प्लानिंग अप्रूवल कमेटी की बैठक बुलाने पर फैसला लिया जा सकता है। नगर निगम महीने में एक बार इस कमेटी की बैठक कर भवनों के नक्शे और कंपलीशन के आवेदनों को मंजूरी देता है। सितंबर के बाद से यह बैठक नहीं हुई है। ऐसे में सैकड़ों लोग नक्शे पास करवाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
नगर निगम शहर में बरसात से हुए नुकसान की भरपाई वाले काम भी शुरू करने जा रहा है। इसी हफ्ते कई नए कामों के टेंडर कॉल किए जा सकते हैं। वहीं शिमला शहर को 24 घंटे पानी देने के प्रोजेक्ट का दूसरा टेंडर भी दोबारा कॉल किया जा रहा है। विश्वबैंक की आपत्तियों के बाद इस टेंडर को रद्द किया था। अब नई शर्तों के साथ 496 करोड़ रुपये के इस टेंडर को कॉल किया जा रहा है। सीवरेज लाइन बिछाने के कई कामों को भी इसी महीने शुरू किया जाना है।
रोपवे के लिए तैयार होगी डीपीआर
रोपवे अथॉरिटी राजधानी में रोपवे का जाल बिछाने के प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करेगी। इसके लिए पहले कंसलटेंट नियुक्त होना है। रोपवे अथॉरिटी इस नियुक्ति के लिए अब सरकार से मंजूरी लेगी। आजीविका भवन में बंद पड़ी नई दुकानों की खुली बोली भी इस महीने शुरू हो सकती है। टका बेंच समेत शहर में बंद पड़े बुक कैफे के टेंडर भी दोबारा कॉल होने हैं। नगर निगम में खाली पड़े पदों को भरने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
टैक्स डिफाल्टरों को जारी होंगे नोटिस
शहर में टैक्स जमा न करने वाले डिफाल्टरों के खिलाफ नगर निगम नए सिरे से कार्रवाई शुरू करेगा। निगम ने 250 भवन मालिकों को टैक्स जमा करने के नोटिस जारी किए थे। टैक्स न देने पर इनकी संपत्ति अटैच करने की तैयारी थी। लेकिन आचार संहिता के बीच इस पर कार्रवाई टालनी पड़ी। अब नए सिरे से नोटिस जारी होंगे। शहर में चार हजार से अधिक भवन मालिकों से नगर निगम ने टैक्स वसूल करना है। दुकानों को किराये के बिल जारी करने की प्रक्रिया भी अब शुरू हो सकेगी।