निर्माण कार्य में हो रही देरी से पांच गुना बढ़ गई लागत, केंद्र सरकार से बजट का नहीं हो पा रहा है प्रावधान 

निर्माण कार्य में हो रही देरी से पांच गुना बढ़ गई  लागत, केंद्र सरकार से बजट का नहीं हो पा रहा है प्रावधान 

ददाहू (सिरमौर)
राष्ट्रीय महत्व की रेणुका बांध परियोजना के निर्माण कार्य में हो रही देरी से इसकी लागत पांच गुना बढ़ गई है। 1284 करोड़ रुपये की प्रस्तावित इस परियोजना पर अब लगभग सात हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। अभी भी कार्य में देरी हुई तो निर्माण लागत और बढ़ सकती है। बांध का निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इसको लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी है। केंद्र सरकार से इसके लिए बजट का प्रावधान नहीं हो पा रहा है। 

केंद्र सरकार के बजट में वर्ष  2021-22 के वित्त वर्ष में भी इसके लिए बजट का प्रावधान नहीं किया गया है। वहीं, राज्य सरकार के बजट में भी परियोजना को लेकर किसी तरह का जिक्र नहीं किया गया। परियोजना के बनने से दिल्ली की पानी की जरूरत पूरी होगी। 

तीन दशक पूर्व जब रेणुका बांध परियोजना की घोषणा हुई थी तो उस दौरान इसकी लागत मात्र 1284.86 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वर्तमान में यह लागत सात हजार करोड़ पहुंच गई है। जानकारों की मानें तो स्थिति ऐसी ही रहने पर निर्माण लागत में और इजाफा हो सकता है।
केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने वित्तीय प्रावधान के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। अब मामला केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाएगा। इसके बाद परियोजना के लिए बजट जारी किया जाएगा। हालांकि, विस्थापितों को मुआवजा अदा करने के लिए सरकार ने  447 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान कर दिया है। विस्थापितों को मुआवजा आवंटन का कार्य अंतिम चरण में चला है। 
उधर, परियोजना के वित्त और क्रामिक निदेशक मनमोहन शर्मा ने बताया रेणुका बांध परियोजना से संबंधित तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया जा चुका है। यह मसौदा अब केवल केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाना है जिसको लेकर पीएमओ से भी बराबर संपर्क साधा जा रहा है। मंत्रिमंडल की बैठक शीघ्र होने की उम्मीद है।

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