दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में इनकी फांसी पर रोक लगाने की याचिका डालते हुए कहा है कि दिल्ली कैद नियमों के अनुसार किसी जुर्म में अगर एक से ज्यादा दोषी हैं तो सभी को एक साथ ही फांसी होगी। उन्होंने कहा कि नियम कहता है कि अगर किसी अपराध में एक से अधिक दोषी हों तो जब तक सभी के ऊपर से हर तरह के कानूनी मामले खत्म नहीं हो जाते किसी एक दोषी को अकेले फांसी नहीं दी जा सकती।
यह तर्क देते हुए एपी सिंह ने कहा कि इस तरह से 1 फरवरी को चारों दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती तो फांसी पर रोक लगाई जाए।
मुकेश की फांसी पर सुप्रीम मुहर, अक्षय की अर्जी पर सुनवाई आज
जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ पीठ ने कहा, राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर जल्द विचार करने और इसे फौरन नामंजूर करने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया या फिर यह पूर्वाग्रह से प्रेरित था।
पीठ ने 25 पन्नों के अपने फैसले में कहा, दया याचिका पर विचार से पहले दोषियों के पिछले आपराधिक इतिहास, उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति और अदालतों द्वारा दिए गए फैसलों समेत सभी दस्तावेज राष्ट्रपति के समक्ष विचार के लिए लाए गए थे।
वहीं, अब एक और दोषी अक्षय ठाकुर ने एक फरवरी को तय की गई फांसी की तारीख से तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दी है, जिस पर पांच जजों की पीठ बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी।
किस दोषी के पास अब क्या विकल्प
-मुकेश सिंह: अब कोई विकल्प नहीं
-पवन गुप्ता: सुधारात्मक और दया याचिका दोनों विकल्प बाकी
-अक्षय ठाकुर: सुधारात्मक याचिका लंबित, दया याचिका अभी बाकी
-विनय शर्मा: सुधारात्मक याचिका खारिज, दया याचिका अभी बाकी