निजी स्कूलों पर शिकंजा, वित्तीय ऑडिट करवाना किया अनिवार्य

निजी स्कूलों पर शिकंजा, वित्तीय ऑडिट करवाना किया

शिमला
मनमानी फीस वसूली को लेकर प्रदेश में हो रहे विरोध के बीच शिक्षा विभाग ने हर साल निजी स्कूलों का वित्तीय ऑडिट करवाना अनिवार्य कर दिया है। निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्ट 1997 के प्रावधानों का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों से नियमित तौर पर ऑडिट रिपोर्ट उच्च शिक्षा निदेशालय में जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों से वित्तीय लेनदेन की जानकारी तलब की है।  शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सभी स्कूलों को सीए के माध्यम से ऑडिट करवाने के निर्देश पहले से दिए गए हैं। इसके बावजूद कई स्कूलों का ब्योरा प्राप्त नहीं हुआ है, जिस पर अब सख्ती होगी। ऑडिट रिपोर्ट जमा करवाना सभी निजी स्कूलों के लिए अनिवार्य है। जानकारी न देने वाले स्कूल प्रबंधकों पर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में बीते एक साल से निजी स्कूलों की फीस पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

कोरोना संकट के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद पूरी फीस वसूली की मांग करने के बाद अभिभावकों ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निजी स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोला है। हरकत में आई सरकार ने बीते सप्ताह हुई कैबिनेट बैठक में निजी स्कूलों की फीस के मामले पर अनौपचारिक चर्चा कर निजी शिक्षण संस्थान नियामक एक्ट 1997 में संशोधन करने का फैसला लिया है। विधानसभा के बजट सत्र में एक्ट को संशोधन के लिए पेश किया जाएगा। इसी बीच उच्च शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को एक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन करवाने के लिए निजी स्कूलों को वित्तीय ऑडिट करवाना अनिवार्य कर दिया है। चार्टेड अकाउंटेंट से हुए ऑडिट की रिपोर्ट को शिक्षा निदेशालय को भी हर साल सौंपने के निर्देश दिए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने सभी जिला उपनिदेशकों को वर्ष में एक बार हर निजी स्कूल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

Related posts