रामपुर बुशहर। जहां कुछ स्कूलों में समय पर राशन न पहुंचने के चलते अध्यापक उधारी में बच्चों को दोपहर का भोजन बना कर खिला रहे हैं, वहीं रामपुर की रावमापा पदम (छात्र) में मिड-डे-मील के भोजन को नालियों और झाड़ियों में फेंका जा रहा है। यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है। हालांकि, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि परीक्षाएं चली होने के कारण ऐसी घटना पेश आ रही है। लेकिन, ऐसे में सवाल उठाता है कि अगर परीक्षाओं के चलते दोपहर का भोजन कम लग रहा है तो इतनी अधिक मात्रा में खाना बनाया ही क्यों जा रहा है?
प्रदेश में मिड-डे-मील को लेकर ऐसे भी सैकड़ों स्कूल हैं, जहां समय पर चावल और रसोई गैस न मिलने के चलते स्कूलों में दोपहर का खाना बनाने में परेशानी हो रही है और अध्यापक उधार लेकर बच्चों को दोपहर का भोजन परोस रहे हैं, लेकिन इससे विपरीत रामपुर स्कूल में सभी नियमों को ताक पर रख कर बच्चों का खाना नालियाें और झाड़ियों में फेंका जा रहा है। मामला उस समय उजागर हुआ जब शीश महल में रहने वाले लोगों ने इसकी सूचना फोन पर ‘अमर उजाला’ को दी। लोगों का यह भी कहना है कि स्कूल के साथ बने रसोई घर के पीछे और नालियों में हर रोज इसी प्रकार खिचड़ी फेंकी गई होती है। इधर, स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान राजेश गुप्ता का कहना है कि परीक्षाओं के चलते परेशानी पेश आ रही है। इधर, इसके बारे में स्कूल प्राचार्य राकेश वशिष्ठ का कहना है कि वह स्कूल से बाहर हैं। उन्हें इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हो रहा है तो इस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।