शिमला
अब केजी कक्षा से ही नौनिहालों की नींव मजबूत की जाएगी। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चल रहे प्री प्राइमरी स्कूलों के लिए एनसीईआरटी और एससीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार करेगा। पहली कक्षा में जाने से पहले केजी के बच्चों के लिए तीन माह की पढ़ाई का प्ले आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल तैयार किया जाएगा। बच्चों को विभिन्न गतिविधियों और वर्कबुक से अक्षर, ध्वनियों, शब्द, रंग, आकार, संख्या का ज्ञान दिया जाएगा।
पहली कक्षा से कुछ बच्चों के पिछड़ने पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह प्रावधान किया गया है। हिमाचल में अभी 3480 सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। इन स्कूलों का नए शैक्षणिक सत्र से पहले दायरा और अधिक बढ़ाया जाएगा। शिक्षा नीति में बताया है कि वर्तमान समय में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) की सभी तक पहुंच नहीं होने के कारण बच्चों का एक बड़ा हिस्सा प्रथम कक्षा में प्रवेश पाने के कुछ ही हफ्तों बाद अपने सहपाठियों से पिछड़ जाता है।
ऐसे में एनसीईआरटी और एससीईआरटी केजी के विद्यार्थियों के लिए अल्पकालीन तीन माह का प्ले आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल बनाएगा। इसे क्रियान्वित करने में सहपाठियों और अभिभावकों का योगदान लिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हर विद्यार्थी स्कूल के लिए तैयार है।
प्री प्राइमरी शिक्षा को और अधिक मजबूत करने के लिए आंगनबाड़ियों को स्कूल परिसरों में पूरी तरह से एकीकृत किया जाएगा। आंगनबाड़ी वर्करों और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मिड-डे मील को प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए शुरू किया जाएगा। लंच के साथ ब्रेकफास्ट देने का भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान किया है।