नए मोटर वाहन कानून पर बोले नितिन गडकरी- जो नियम तोड़ेगा, वही जुर्माना भरेगा

नागपुर
नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • नितिन गडकरी ने नए मोटर वाहन अधिनियम का बचाव किया
  • गडकरी ने कहा- जो नियम तोड़ेगा,वहीं जुर्माना भरेगा
  • गडकरी ने पूछा- लोगों के लिए क्या महत्वपूर्ण हैं, जीवन या धन
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत उच्च दंड का बचाव करते हुए कहा कि इसके पीछे का विचार लोगों को नियमों के अनुरूप बनाना है, और पूछा कि लोगों के लिए क्या अधिक महत्वपूर्ण हैं जीवन या धन।

नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए, गडकरी ने नए कानून के तहत उच्च दंड की आलोचना का बचाव करते हुए कहा कि जो लोग कानून तोड़ रहे थे, वे जुर्माना भर रहे थे। यदि कोई कानून नहीं तोड़ता है, तो उसे जुर्माना भरने की आवश्यकता क्यों होगी?

उन्होंने कहा कि हम रेड लाइट के नियम को तोड़ रहे हैं। दुर्घटनाएं हर रोज हो रही हैं, लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। अगर लोगों को कानून का डर होगा, तो ही वे नियमों का पालन करेंगे। गडकरी ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 के तहत उच्च दंड प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि लोगों के लिए क्या महत्वपूर्ण हैं, जीवन या धन।

इससे पहले, उन्होंने कहा कि लोग सड़क सुरक्षा नियमों को गंभीरता से नहीं लेते थे और थोड़ी बहुत राशि का भुगतान करके निकल जाते थे। जब तक कड़े नियम नहीं बनाए जाते, यह रवैया नहीं रुकेगा। नए नियम के आने के बाद से अब लोग लाइसेंस, बीमा के लिए आवेदन कर रहे हैं और हेलमेट खरीद रहे हैं। इससे हजारों लोगों की जिंदगी बच जाएगी।

कार्यक्रम के दौरान, गडकरी ने उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनके बचपन, परिवार, राजनीति, देश के लिए उनके दृष्टिकोण पर भी बात की, साथ ही उन्होंने अपने सामाजिक और इनोवेटिव प्रोजेक्ट पर विचार साझा किए।

उन्होंने कहा कि लोग अक्सर उनके इनोवेटिव आइडिया का मजाक उड़ाते हैं। एक उदाहरण का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि एक बार उन्होंने प्लास्टिक की थैलियों में मूत्र एकत्र करने के बारे में कहा था, जो कि अगर बड़े पैमाने पर किया जाता है, तो देश पर यूरिया आयात का भार कम हो सकता है।

गडकरी ने गोबर और मानव मल से निकलने वाले चीजों पर शोध कर रहे एक व्यक्ति के साथ अपनी मुलाकात के बारे में भी बात की। उन्होंने उस व्यक्ति का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा कि आज बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं और मुझे लगता है कि शोध पर अधिक जोर देना चाहिए क्योंकि शोध से ऐसी चीजें निकलती हैं।

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