धौलासिद्ध पावर प्रोजेक्ट बुझाएगा कांगड़ा और हमीरपुर के सैकड़ों गांव की प्यास

धौलासिद्ध पावर प्रोजेक्ट बुझाएगा कांगड़ा और हमीरपुर के सैकड़ों गांव की प्यास

हमीरपुर
सतलुज जल विद्युत निगम की धौलासिद्ध बिजली परियोजना हमीरपुर और कांगड़ा जिले के सैकड़ों गांव की पेयजल समस्या को भी दूर करेगा। हमीरपुर की ब्यास नदी पर कंपनी 66 मेगावाट क्षमता की बिजली परियोजना का काम कर रही है। ब्यास पद पर बनने वाले डैम से नदी का जलक्षतर 20 से 25 फीट ऊपर उठेगा। विशेषज्ञों का दावा है कि जब ब्यास नदी पर विशाल बांध बनेगा तो डैम के दोनों तरफ सटे जिला कांगड़ा और हमीरपुर के इलाकों के पेयजल स्रोत रिचार्ज होंगे।

इससे उन कुओं, हैंडपंप और बावड़ियों से पेयजल आपूर्ति शुरू हो जाएगी, जो पूर्व में जलस्तर गिरने से सूख चुके हैं। इस बांध के बनने से आगामी 100 सालों तक आसपास के क्षेत्र में पेयजल समस्या नहीं सताएगी। वर्तमान में इन दोनों जिलों में दर्जनों प्राकृतिक पेयजल स्रोत हैं, जो जलस्तर गिरने के कारण सूख चुके हैं। बांध के बनने जहां प्राकृतिक पेयजल स्रोत रिचार्ज हो जाएंगे। तो वहीं पानी के आसपास वाले क्षेत्र हमेशा हरे-भरे रहेंगे।

300 हेक्टेयर भूमि का किया जाएगा अधिग्रहण
एसजेवीएन धौलासिद्ध कंपनी ब्यास नदी पर 66 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट बना रही है। इस पर करीब 686 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बिजली परियोजना के लिए ब्यास नदी के दोनों और हमीरपुर और कांगड़ा जिला की कुल 300 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। सरकारी और वन भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। जबकि 4500 कनाल भूमि निजी है, जिसमें से 3600 कनाल भूमि का अधिग्रहण भी किया जा चुका है। जबकि शेष का कार्य प्रगति पर है।

धौलासिद्ध मंदिर के लिए बनाई सड़क
पावर प्रोजेक्ट कंपनी ने धौलासिद्ध मंदिर तक करीब छह किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है। पावर प्रोजेक्ट का कार्य शुरू होने से आसपास के इलाकों में भी विकास कार्य शुरू हो रहे हैं। जो इलाके पूर्व में सड़क सुविधा के कारण विकसित नहीं हो पाए थे, वहां अब विकास कार्य चल रहे हैं।

ब्यास पद पर बनने वाले डैम से नदी का जलक्षतर 20 से 25 फीट ऊपर उठेगा। विशेषज्ञों का दावा है कि जब नदी पर बांध बनेगा, तो डैम के आसपास के इलाकों के पेयजल स्रोत रिचार्ज होंगे। – राजेश चंदेल, महाप्रबंधक, एसजेवीएन धौलासिद्ध पावर प्रोजेक्ट, हमीरपुर।

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