देश में समान नागरिक संहिता पर मिले एक करोड़ से ज्यादा सुझाव : कानून मंत्री :

देश में समान नागरिक संहिता पर मिले एक करोड़ से ज्यादा सुझाव : कानून मंत्री :

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर एक करोड़ से ज्याद सुझाव मिले हैं। विधि राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कहा, आखिर दिन तक आयोग को यूसीसी पर एक करोड़ से ज्यादा सुझाव मिले। आयोग अब इन सुझावों का अध्ययन करेगा, जिसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा।

मेघवाल ने कहा, सरकार देश के प्रत्येक व्यक्ति के सुझाव को सुनने को तैयार रही है। यही वजह है कि सुझाव आमंत्रण की मियाद को इसी वजह से 28 जुलाई तक बढ़ाया गया था। हालांकि, अब आयोग इसे और आगे नहीं बढ़ाना चाहता है। शुरुआत में सुझाव देने की आखिरी तिथि 14 जुलाई रखी गई थी। लेकिन, लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखते हुए इसे 28 जुलाई तक बढ़ाया गया।

277 रिपोर्ट आयोग ने दीं
विधि आयोग का गठन भारत सरकार की एक अधिसूचना के जरिये कानून के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए एक निश्चित संदर्भ अवधि के साथ किया जाता है। अपने संदर्भ की शर्तों के मुताबिक आयोग सरकार को (रिपोर्ट के रूप में) सिफारिशें देता है। आयोग ने कानूनी मामलों के विभाग, सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों की तरफ से दिए गए संदर्भों पर विभिन्न विषयों को उठाया है और 277 रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं। यह देश के कानूनों की एक विचारोत्तेजक और महत्वपूर्ण समीक्षा प्रदान करता है।

रचनात्मक सुझावों पर करेंगे गौर
एक अनुमान के मुताबिक सबसे ज्यादा सुझाव मुस्लिमों की तरफ से यूसीसी को नहीं लाने को लेकर दिए गए हैं। हालांकि, ऐसे सुझावों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से छांटकर अलग कर दिया जाएगा और रचनात्मक सुझावों पर गौर किया जाएगा। विषय की प्रासंगिकता और महत्व को देखते हुए व न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखते हुए 22वें विधि आयोग ने इस पर नए सिरे से विचार करना उचित समझा।

दिव्यांगों के अधिकारों का ध्यान रखने की मांग
दिव्यांगों के लिए काम करने वाले कई गैर सरकारी संगठनों से विधि आयोग व विधि मंत्रालय को यूसीसी में दिव्यांगों के अधिकारों का ध्यान रखने की मांग की है। नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइट्स ऑफ द डिसएबल्ड की महासचिव रोमा भगत ने बताया कि विधि आयोग को 220 के करीब संगठन व कार्यकर्ताओं ने सुझाव दिए हैं। भगत का कहना है कि अगर यूसीसी को दिव्यांगों के अधिकारों का ध्यान रखे बिना लागू कर दिया जाता है, तो कई तरह की विसंगतियां और मुश्किलें खड़ी हो सकती है।

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