देश के सभी राजमार्गों पर मिलेगी ये सुविधा :नितिन गडकरी

नई दिल्ली
फाइल फोटो

सार

  • राजमार्गों के किनारे बिछाई जाएगी एलएनजी पाइपलाइन, निश्चित दूरी पर होंगे स्टेशन।
  • 22 नई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम कर रहा एनएचएआई।
  • केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को इसका खुलासा किया।

विस्तार

सरकार अब राजमार्गों पर तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की उपलब्धता बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए राजमार्गों के किनारे एलएनजी की पाइपलाइन बिछाई जाएंगी और एक निश्चित दूरी पर एलएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे। एलएनजी स्टेशन का नेटवर्क विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को इसका खुलासा किया।

उद्योग संगठन फिक्की द्वारा बुधवार को ‘परिवहन क्षेत्र के लिए भविष्य का ईंधन’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस समय 22 एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें से सात परियोजनाओं पर काफी काम हो चुका है। अब सरकार ने तय किया है कि इन एक्सप्रेसवे को एलएनजी एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जाए। इसका मतलब है कि इन मार्गों के किनारे एलएनजी पाइपलाइन डाली जाएगी और एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर एक निश्चित दूरी पर एलएनजी स्टेशन खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए बिजनेस प्लान भी बना लिया गया है। एलएनजी स्टेशन की जमीन एनएचएआई की होगी और एनएनजी स्टेशन लगाने की इच्छुक कंपनी या फर्म अपनी मशीन लगा कर एलएनजी बेच सकेंगी। इसमें निजी क्षेत्र का भी स्वागत होगा।

डीजल से 50 से 60 फीसदी होगा सस्ता

गडकरी का कहना है कि एलएनजी पर मोटर वाहन चलाना डीजल के मुकाबले 50 से 60 फीसदी सस्ता होगा। यह सस्ता तो है ही, इससे विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी और प्रदूषण नहीं फैलेगा। उन्होंने इस बारे में टाटा मोटर समेत वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली कुछ अन्य कंपनियों से बात की है। वह यहां एलएनजी से चलने वाले 40 टन क्षमता के ट्रक और बस बनाने को तैयार हैं।

ई-वे बनाने की भी है योजना

यही नहीं, इन राजमार्गों को ई-राजमार्ग के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जहां जगह-जगह ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन होंगे और यदि उद्योग जगत तैयार हुआ तो ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर भी लगाए जाएंगे। इसमें सड़कों पर चलने वाले वाहन उसी तरह चलेंगे जैसे बिजली से चलने वाली ट्रेन ओवरहेड वायर से बिजली लेकर चलती है। अंतर सिर्फ इतना होगा कि रेल अपनी पटरी पर चलती है लेकिन ट्रक और बस में रबड़ के टायर होंगे और वे सड़कों पर चलेंगे।

एलएनजी के इस्तेमाल को पहले की मिल चुकी है अनुमति

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एलएनजी को मोटर वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल को पहले ही मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि पूरे देश में पेट्रोल पंपों की तर्ज पर एलएनजी पंप स्थापित हो सके, इसके लिए सरकार ने पेट्रोनेट एलएनजी कंपनी से करार कर लिया है। सरकार का मानना है कि डीजल का वैकल्पिक ईंधन एलएनजी देश में भी उपलब्ध है और इसका उपयोग होने से कच्चे तेल के आयात पर देश की निर्भरता घटेगी। गडकरी का कहना है कि इस समय भारत में हर साल करीब सात लाख करोड़ रुपये का कच्चा तेल आयात करना पड़ता है। उनके प्रयासों से यदि दो लाख करोड़ रुपये का भी कच्चा तेल आयात नहीं करना पड़ा तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

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