नालागढ़ (सोलन)
शिया की 45 फीसदी दवाएं निर्यात करने में तमगा हासिल करने वाले हिमाचल के उद्योगों की दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के जारी होने वाले ड्रग अलर्ट में फेल हो रही हैं। सीडीएससीओ के जनवरी माह के ड्रग अलर्ट में देशभर की फेल हुईं 34 दवाओं में से हिमाचल के फार्मा उद्योगों की चार दवाएं मानकों पर खरा नहीं उतरी हैं। इनमें औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की दो और कांगड़ा-परवाणू के एक-एक उद्योग की दवा शामिल है। यह दवाएं मोटापे से लेकर दिमागी बीमारियों के उपचार, दौरे रोकने के लिए, जीवाणु संक्रमण के उपचार, गठिया रोग दूर करने आदि के उपचार में काम आती हैं। सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी किए जाएंगे। फेल हुए सैंपलों के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सीडीएससीओ द्वारा जनवरी माह में देशभर से 1177 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिसमें से 1143 दवाएं मानकों पर खरा उतरीं और 34 दवाएं सब स्टैंडर्ड पाई गई हैं।थियोन फार्मास्यूटिकल सैणीमाजरा नालागढ़ की थियोएमयून, टेरेस फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रियल एरिया संसारपुर टेरेस कांगड़ा की गाबापेनटिन 300 एमजी, लेगेन हेल्थकेयर प्लाट नंबर-20 सेक्टर-5 परवाणू की एमोक्सिसिलिन डिसप्रेसिबल 250 एमजी, जिड्स हेल्थकेयर लिमिटेड सैणीमाजरा नालागढ़ की डिपोटेक्स 16 एमडी दवा शामिल है।