दुल्हन की तरह सज गईं हिमाचल की शक्तिपीठ, ऐसे दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

चामुंडा/ज्वालामुखी/कांगड़ा

हिमाचल की शक्तिपीठ
हिमाचल की पांचों शक्तिपीठ शरद नवरात्र के लिए दुल्हन की तरह सज गई हैं। सुरक्षा-व्यवस्था, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं, माता के सुविधापूर्वक दर्शन के इंतजाम प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने पूरे कर लिए हैं। देश-विदेश से लाए गए अलग-अलग किस्मों के फूलों से किया गया मां के भवनों का श्रंगार भक्तों को मन मोह रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरी चेकिंग के बाद ही यात्रियों को मंदिरों के भीतर प्रवेश दिया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों की भी पूरी नजर रहेगी।मां बज्रेश्वरी: सुबह पांच बजे माता बज्रेश्वरी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। माता की आरती सुबह छह बजे तक हुई। इसके बाद पूरी और चने के प्रसाद का भोग लगा। शाम सात बजे फिर माता की आरती होगी। रात नौ बजे तक मंदिर खुला रहेगानंदिकेश्वर धाम चामुंडा : सुबह चार बजे मंदिर के कपाट मां के दर्शन के लिए खोल दिए गए। आठ बजे सुबह की आरती के बाद हलवे और पूरी का भोग मां को लगाया जाएगा। दोपहर 12 बजे और शाम 8:30 बजे देशी घी से बने व्यंजनों का भोग लगेगा। शाम 7:30 बजे फिर माता की आरती होगी। रात 10 बजे तक मां के दर्शन के लिए मंदिर खुला रहेगा।मां ज्वालामुखी : सुबह पांच बजे भवन का द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए। मां ज्वाला की सुबह से शाम तक पांच बार आरती होगी। सुबह पांच बजे पहली आरती हुई। छह बजे मालपुआ, रबड़ी, पीले चावल का भोग लगाया गया। दोपहर 11:30 से 12:30 बजे षटरस भोग होगा। सायं 7 से 8 बजे तक पूरी-चने का भोग लगेगा। रात 9 से 9:30 बजे तक ऋतु भोग होगा। इसके बाद फलश्रंगार आरती होगी। 9:30 से 10 बजे तक मिश्री और दूध का भोग लगेगा।दो बजे खुल जाया करेंगे मंदिर के कपाट
श्रीनयना देवी: शनिवार रात दो बजे ही मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इससे पहले रात 12 बजे से दो बजे तक सायं कालीन आरती, सयन आरती और मंगल आरती हुई और मां को भोग लगाया गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे से 12.30 बजे तक मंदिर बंद रहेगा इस दौरान मध्यान आरती होगी और मां को भोग लगाया जाएगा।

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