दुनियाभर में जाएंगी 8.5 करोड़ नौकरियां, 9.5 करोड़ नई मिलेंगी

दुनियाभर में जाएंगी 8.5 करोड़ नौकरियां, 9.5 करोड़ नई मिलेंगी

नई दिल्ली/जिनेवा
दुनियाभर में 2025 तक ऑटोमेशन के कारण करीब 8.5 करोड़ नौकरियों पर संकट के बादल मंडराएंगे। विश्व आर्थिक मंच की नौकरियों से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण यह संकट कुछ ज्यादा तेजी से आया है।

हालांकि इसमें एक अच्छा संकेत भी है, ऑटोमेशन से नौकरियां सिर्फ जाएंगी नहीं बल्कि 9.5 करोड़ नई नौकरियां मिलेंगी भी लेकिन इनके लिए विशेष तकनीकी कौशल पहली और अनिवार्य शर्त होगी।
विश्व आर्थिक मंच ने रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि भारत दुनिया भर में सबसे तेजी से ऑटोमेशन को अपना रहा है। यहां स्थित कंपनियां वैश्विक औसत से भी तेज गति से रोबोट व मशीनों पर निर्भर हो गई हैं और साथ ही डिजिटलीकरण भी तेजी से बढ़ा है।

विश्व आर्थिक मंच करीब एक साल तक 26 देशों के 15 अलग-अलग प्रमुख उद्योगों में बड़े व मझोले कारोबारों पर अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।

मंच के मुताबिक भारत के उद्योगों में 50 फीसदी वैश्विक औसत के मुकाबले ऑटोमेशन 58 फीसदी है। इसी तरह कार्य प्रक्रियाओं में डिजिटलीकरण 84 फीसदी वैश्विक औसत के मुकाबले 87 फीसदी है। अध्ययन में 300 वैश्विक कंपनियों के सीनियर बिजनेस लीडर्स को शामिल किया गया।

अगले एक साल में चली जाएगी आधे वयस्कों की नौकरी
रिपोर्ट के मुताबिक अगले 12 महीनों में दुनियाभर में काम कर रहे 50 फीसदी वयस्कों की नौकरी चली जाएगी। भारत में यह आंकड़ा करीब 57 फीसदी होगा। वहीं दो तिहाई लोगों को आस है कि उनके नियोक्ता ऐसी स्थिति में उनकी मदद करेंगे।

दो हिस्सों बटेगी कार्य प्रणाली
ऑटोमेशन की इस गति को देखते हुए अनुमान है कि 2025 तक कंपनियों में कार्य प्रणाली दो बराबर हिस्सों में बंटेगी। इसमें एक हिस्सा मशीनों का होगा जिसमें रोबोट की मदद से सूचना व डाटा प्रोसेसिंग का काम किया पूरा होगा।

इसके अलावा प्रशासनिक और रुटीन के मानवीय कामों के लिए कर्मचारी रखे जाएंगे। ऐसे में नौकरी पाने के लिए तकनीकी ज्ञान के साथ मानवीय कौशल भी अनिवार्य होगा। इन लोगों को प्रबंधन, सलाह देना, निर्णय लेना, तर्क व संवाद के कौशल को निखारना होगा तभी नौकरी मिल सकेगी।

इन क्षेत्रों में होंगे मौके
रिपोर्ट के मुताबिक नई नौकरियों के लिए खासतौर से देखभाल सेक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंटेंट क्रीएशन और मानवीय कौशल के क्षेत्र में अधिक मौके होंगे।

कोरोना महामारी ने तेजी से बढ़ाया ऑटोमेशन
‘कोविड महामारी ने 2007-08 की आर्थिक मंदी के बाद सबसे तेजी से ऑटोमेशन को आगे बढ़ाया है। कोरोना के कारण श्रम बाजार में मौजूद असमानताएं बढ़ी हैं जिससे 2008 के बाद धीरे धीरे पैदा हुए रोजगारों पर संकट मंडराया है। ऐसे में सरकारों को जिम्मेदारी निभानी होगी और नौकरी गंवाने वालों की मदद के लिए तुरंत विशेष कार्ययोजना बनानी होगी।’ -सादिया जहिदी, प्रबंध निदेशक, विश्व आर्थिक मंच
अगले पांच साल तक भारत में नौकरी के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
इन पांच तकनीकों को तेजी से अपना रहा भारत (आंकड़े प्रतिशत में)
क्लाउड कंप्यूटिंग 98
इंक्रिप्शन व साइबर सुरक्षा 95
इंटरनेट ऑफ थिंग्स 90
बिग डाटा एनेलिटिक्स 88
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 81

2. इन नौकरियों की मांग बढ़ेगी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लर्निंग स्पेशलिस्ट
डाटा एनालिस्ट्स और साइंटिस्ट
इंफॉर्मेंशन सिक्योरिटी एनालिस्ट्स
इंटरनेट ऑफ थिंग्स स्पेशलिस्ट्स
बिग डाटा स्पेशलिस्ट्स

3. इन नौकरियों पर बढ़ेगा संकट
प्रशासनिक व कार्यकारी सचिव
जनरल व ऑपरेशन मैनेजर
एसेंबली व फैक्टरी वर्कर
अकाउंटिंग, बुककीपिंग और पेरोल क्लर्क
डाटा एंट्री क्लर्क

4. ये गुणों को मिलेगी तरजीह
विश्लेषणात्मक सोच व नवोन्मेष
जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता
रणनीति बनाने का कौशल व हर चीज जल्दी सीखने की आदत
अधिक तनाव झेलने व किसी भी परिस्थिति में ढलने की क्षमता
महत्वपूर्ण विचार कौशल

 

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