दिल्ली के NGOs को मिला सबसे ज्यादा विदेशी चंदा


मंगलवार, 1 जुलाई 2014

सही जानकारी नहीं देते NGO

सही जानकारी नहीं देते NGO

देश के गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने साल 2012-13 में 10900 करोड़ रुपए फॉरेन डोनेशन प्राप्त किया है। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले में थोड़ा कम है। पिछले सालों में ये आंकड़ा 11548 करोड़ रुपए था।

पिछले कई सालों से ये देखा जा रहा है कि 30 से 40 फीसदी एनजीओ ही ऐसे हैं जो सही मायनों में अपनी हर जानकारी बतात‌े हैं। यही वजह है कि विदेशों से मिलने वाले चंदे का सही आकलन नहीं हो पाता।

अगर सभी एनजीओ सही जानकारी उपलब्‍ध कराएं तो ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दिल्ली के NGOs को मिला सबसे ज्यादा विदेशी चंदा

अभी दिल्ली है नंबर वन

अभी दिल्ली है नंबर वन

टीओआई के अनुसार, विदेशों से मिलने वाला डोनेशन साल 2006-07 में करीब 10 से 11 हजार करोड़ रुपए था जोकि 2001-02 के आंकड़ों के मुकाबले करीब 100 फीसदी ज्यादा था।

ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में रजिस्टर्ड सभी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को साल 2012-13 में 2232 करोड़ रुपए विदेशी चंदा मिला है, जोकि देश में किसी भी राज्य को मिलने वाला सबसे ज्यादा डोनेशन है।

दिल्ली के बाद दूसरा नंबर तमिलनाडु का आता है जिसे 1621 करोड़ रुपए मिले और तीसरे स्‍थान पर 1146 करोड़ के साथ आंध्र प्रदेश है।

दिल्ली के NGOs को मिला सबसे ज्यादा विदेशी चंदा

इस एनजीओ को मिला सबसे ज्यादा चंदा

इस एनजीओ को मिला सबसे ज्यादा चंदा

विदेशी चंदे के मामले में कर्नाटक ने महाराष्ट्र को पछाड़ते हुए चौथा स्‍थान कब्जाया है। कर्नाटक को 1109 करोड़ और महाराष्ट्र को 1038 करोड़ रुपए मिले हैं।

टीओआई की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु के एनजीओ वर्ल्ड विजन ने सबसे ज्यादा विदेशी चंदा प्राप्त किया है। पिछले साल 233 करोड़ के मुकाबले वर्ल्ड विजन ने इस बार 251 करोड़ रुपए विदेशी चंदा इकट्ठा किया है।

वर्ल्ड विजन यूएसए और कोका कोला की ओर से मिले इस चंदे का ज्यादातर इस्तेमाल एड्स जागरूकता और उपचार में खर्च किया गया है।

दिल्ली के NGOs को मिला सबसे ज्यादा विदेशी चंदा

बदल सकते हैं ये आंकड़े

बदल सकते हैं ये आंकड़े

जानकारों के मुताबिक ये आंकड़े सिर्फ अनुमान पर आधारित हैं क्योंकि ज्यादातर एनजीओ अपने वास्तविक आंकड़े पेश ही नहीं करते हैं। टीओआई के अनुसार, 18 दिसम्बर 2013 को राज्यसभा से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 41844 एनजीओ ही फॉरेन कंट्रीब्यूशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हैं।

इनमें से 16756 एनजीओ ने अभी वर्ष 2011-12 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट नहीं पेश की है।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012-13 में जिन एनजीओं को विदेशी चंदा मिला है उनमें से कुछ ने ही इसका पूरा इस्तेमाल किया है। उसमें से भी ज्यादातर ने इसका इस्तेमाल धार्मिक कार्यों में किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ संगठनों ने बीते सालों में ग्रामीण विकास, चिल्ड्रेन वेलफेयर और एजुकेशन पर ज्यादातर हिस्सा खर्च किया है।

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