सही जानकारी नहीं देते NGO
पिछले कई सालों से ये देखा जा रहा है कि 30 से 40 फीसदी एनजीओ ही ऐसे हैं जो सही मायनों में अपनी हर जानकारी बताते हैं। यही वजह है कि विदेशों से मिलने वाले चंदे का सही आकलन नहीं हो पाता।
अगर सभी एनजीओ सही जानकारी उपलब्ध कराएं तो ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
दिल्ली के NGOs को मिला सबसे ज्यादा विदेशी चंदा
अभी दिल्ली है नंबर वन
ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में रजिस्टर्ड सभी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को साल 2012-13 में 2232 करोड़ रुपए विदेशी चंदा मिला है, जोकि देश में किसी भी राज्य को मिलने वाला सबसे ज्यादा डोनेशन है।
दिल्ली के बाद दूसरा नंबर तमिलनाडु का आता है जिसे 1621 करोड़ रुपए मिले और तीसरे स्थान पर 1146 करोड़ के साथ आंध्र प्रदेश है।
दिल्ली के NGOs को मिला सबसे ज्यादा विदेशी चंदा
इस एनजीओ को मिला सबसे ज्यादा चंदा
टीओआई की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु के एनजीओ वर्ल्ड विजन ने सबसे ज्यादा विदेशी चंदा प्राप्त किया है। पिछले साल 233 करोड़ के मुकाबले वर्ल्ड विजन ने इस बार 251 करोड़ रुपए विदेशी चंदा इकट्ठा किया है।
वर्ल्ड विजन यूएसए और कोका कोला की ओर से मिले इस चंदे का ज्यादातर इस्तेमाल एड्स जागरूकता और उपचार में खर्च किया गया है।
दिल्ली के NGOs को मिला सबसे ज्यादा विदेशी चंदा
बदल सकते हैं ये आंकड़े
इनमें से 16756 एनजीओ ने अभी वर्ष 2011-12 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट नहीं पेश की है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012-13 में जिन एनजीओं को विदेशी चंदा मिला है उनमें से कुछ ने ही इसका पूरा इस्तेमाल किया है। उसमें से भी ज्यादातर ने इसका इस्तेमाल धार्मिक कार्यों में किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ संगठनों ने बीते सालों में ग्रामीण विकास, चिल्ड्रेन वेलफेयर और एजुकेशन पर ज्यादातर हिस्सा खर्च किया है।