दाल घोटले की खुलेंगी परतें, विजीलैंस टीम मुम्बई रवाना

शिमला : करोड़ों रुपए के चर्चित दाल घोटाले की तह तक जाने के लिए विजीलैंस की विशेष जांच टीम मुंबई रवाना हो गई है। माना जा रहा है कि इस प्रकरण में जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अब तक की छानबीन में इस प्रकरण से जुड़ी कई परतें विजीलैंस खोल चुका है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ी कुछ फर्म भी जांच टीम के निशाने पर हंै। सूत्रों की मानें तो दाल घोटाले में जल्द ही हिमाचल सहित बाहरी राज्य से आधा दर्जन गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

बीते कुछ महीनों से विजीलैंस उक्त मामले की जांच में जुटी हुई है और अब यह जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। विजीलैंस को करोड़ों रुपए के दाल घोटाले में कई चौंकानेवाले साक्ष्य हाथ लगे हैं। देखा जाए तो इससे पहले भी मामले की छानबीन के तहत विजीलैंस की जांच टीम बाहरी राज्यों से इस मामले में जुड़े साक्ष्य एकत्रित कर चुकी है। प्रदेश में सामने आए इस घोटाले के तहत अभी तक राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 2 अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है।

प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं पाए जाने के बाद विजीलैंस ने निगम के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ इस घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप है कि निगम के कुछ अधिकारियों ने निविदाओं की शर्तों में छेड़छाड़ की और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए कम दर वाली अन्य निविदाओं को नजरअंदाज किया जिससे निगम को हर महीने करीब एक करोड़ रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा। सूत्रों की मानें तो निविदाओं पर अंतिम निर्णय होने के बाद भी उनकी शर्तों से छेड़छाड़ की गई है। इसके पीछे किसी का दबाव रहा या फिर आपसी मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया? उन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विजीलैंस जांच कर
रही है।

कई बड़ी मछलियां निशाने पर
सूत्रों की मानें तो दाल घोटाले में कई बड़ी मछलियां विजीलैंस के निशाने पर चल रही हैं। इस मामले की तह तक जाने के लिए विजीलैंस ने कब्जे में लिए अधिकतर रिकार्ड को खंगाला लिया है। विजीलैंस ब्यूरो द्वारा गठित विशेष टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है। विशेष है कि उक्त घोटालों को लेकर विजीलैंस आरोपों के घेरे में आए कई व्यक्तियों से भी पूछताछ कर उनके बयान भी दर्ज कर चुकी है।

दाल घोटाले से जुड़े हर पहलू को खंगाला जा रहा है। इसके तहत एक जांच टीम मुंबई रवाना हुई है। फिलहाल अभी कुछ भी कहना तर्कसंगत नहीं है। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर नियमानुसार कार्रवाई अमल मेंलाई जाएगी।
पृथ्वी राज, एडीजी, स्टैट विजीलैंस

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