लखनऊ: मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर एक निजी चैनल के ऑपरेशन दंगा से अखिलेश सरकार तिलमिला गई है। फुगाना के एसएचओ लाइन हाजिर, बुढ़ाना के कोतवाल को क्राइम ब्रांच भेजा गया। वहीं, मुजफ्फरनगर दंगों पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसके पीछे बीजेपी और सपा की मिली जुली साजिश थी। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाना संभव नहीं है इसमें कई पेचीदगियां हैं।
आपको बतां दे कि, मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा को लेकर एक स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं की वजह से ही हालात और खराब हुए थे। हिंसा ग्रस्त इलाके में तैनात रहे अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कवाल में हुई शुरुआती हिंसा के बाद डबल मर्डर के 7 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया था, मगर लखनऊ से आजम नाम के नेता के फोन के बाद उन लोगों को छोडऩा पड़ा था। स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि जिस वक्त दंगे जारी थे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार ने पुलिस और प्रशासन को काम करने की पूरी छूट दी है और किसी तरह का दबाव नहीं है।
मगर इलाके के कुछ पुलिस ऑफिसर्स की मानें तो दंगों के दौरान सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने पुलिस के काम में रोड़े अटकाए और कई थानों से पकड़े गए संदिग्ध लोगों को छुड़ाने का काम किया। एक निजी न्यूज चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए खुलासा किया है कि फुगाना थाने पर लखनऊ से आजम नाम के नेता ने फोन कर कहा था कि जो हो रहा है होने दो।