डिजिटल शिक्षण से मिलेंगे सकारात्मक परिणाम

शिमला  स्टडी

लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई करवाने की नई तकनीक से हिमाचल के सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदल सकती है। निजी स्कूलों का मुकाबला करने को ई कंटेंट से पढ़ाई कराने को सरकार काफी समय से प्रयास कर रही थी। योजना सिरे न चढ़ने से यह फाइलों तक ही सीमित थी। अब कोरोना के चलते सरकार को अपनी पुरानी योजना को अमलीजामा पहनाने का पर्याप्त समय मिल गया है।
शिक्षा विभाग ने इन दिनों का सही से इस्तेमाल कर लिया तो सरकारी स्कूलों के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं होगा। सरकार की घर बैठे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने की यह तकनीक उच्च कक्षाओं में पहुंचकर बच्चों के लिए लाभकारी साबित होगी। डिजिटल शिक्षण सामग्री से बच्चों को अगर पढ़ाई करना पसंद आ गया तो भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई स्थिति से निपटने के बाद हालात सामान्य होने पर भी सरकार को इस तकनीक को जारी रखना होगा।

सर्दियों, गर्मियों, बरसात सहित अन्य छुट्टियों के दौरान भी बच्चों को इस माध्यम से होमवर्क भेजकर पढ़ाई में व्यस्त रखा जा सकेगा। इससे बच्चों में भी पढ़ाई करने के प्रति रुचि बढ़ेगी। पढ़ाई के साथ बच्चों को अन्य रचनात्मक कार्यों में भी इससे व्यस्त रखा जा सकता है। प्रदेश के कई निजी स्कूल इस तकनीक का बीते कई वर्षों से इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे अभिभावकों की सहभागिता भी बनी रहती है। बच्चे छुट्टियों के दौरान भी पढ़ाई के लिए समय निकालते हैं। इस कारण अभिभावकों का निजी स्कूलों के प्रति अधिक आकर्षण रहता है।

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