डाक्टर मां ने छह माह तक बच्चों से अलग रहकर जारी रखी मरीजों की सेवा

डाक्टर मां ने छह माह तक बच्चों से अलग रहकर जारी रखी मरीजों की सेवा

नाहन (सिरमौर)
डॉ. प्रतिभा गुप्ता कर्तव्य परायणता की ऐसी मिसाल हैं जिन्होंने कोरोना काल में भी परिवार से बढ़कर अपने कर्तव्य को तरजीह दी। आज भी वह मरीजों को अपनी सेवाएं देने में मैदान में पूरी संजीदगी के साथ डटीं हैं। हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कालेज नाहन में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. प्रतिभा ने बीते साल कोरोना महामारी की दस्तक के दौरान ही खुद को आइसोलेट कर लिया था। दिनभर अस्पताल और आपरेशन थियेटर में सेवाएं देने के बाद घर पर वह बच्चों से अलग रहीं। तकरीबन मार्च से अगस्त माह तक उन्होंने 15 साल के बेटे व 11 वर्षीय बेटी से दूर रहकर मरीजों की सेवा जारी रखी। घर पर उन्होंने स्वयं को आइसोलेट कर लिया था। कई बार स्थिति ऐसी भी पैदा हुई जब वह रात के समय घर पहुंचती को ब्रेड आदि खाकर ही भूख शांत करनी पड़ी।

बच्चों को अपने से दूर रखने के लिए घर का एंट्री प्वाइंट भी अलग रखा। अब तक तीन चार बार डा. प्रतिभा में कोरोना जैसे लक्षण की स्थिति बनी। लेकिन, कोरोना पाजिटिव नहीं आईं। घर पर खाना बनाने के लिए ससुराल पक्ष से मदद की गई। बता दें कि डा. प्रतिभा के पति डा. विनय गुप्ता भी पेशे से चिकित्सक हैं। मौजूदा समय में वह ददाहू में बाल रोग विशेषज्ञ के पद पर सेवाएं दे रहे हैं और सिविल अस्पताल के प्रभारी भी हैं। डा. प्रतिभा पिछले साल अप्रैल माह से अब तक 2302 साधारण डिलिवरी करा चुकी हैं। जबकि, 1296 सिजेरियन किए। इनमें कई मरीज कोरोना पाजिटिव भी मिले। बावजूद इसके उन्होंने अपने कर्तव्य को बेहद ईमानदारी के साथ निभाया। इस समय भी वह मरीजों को बेहतरीन सेवाएं देने में जुटी हैं। उनके बच्चे भी अपनी मां पर गर्व महसूस करते हैं।

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