डब्ल्यूएचओ ने किया संशोधन, अब कैंसर, हृदय और संक्रामक रोगों की दवाएं आवश्यक सूची में

डब्ल्यूएचओ ने किया संशोधन, अब कैंसर, हृदय और संक्रामक रोगों की दवाएं आवश्यक सूची में

मल्टीपल स्केलेरोसिस, कैंसर, संक्रामक रोगों और हृदय संबंधी रोगों के उपचार की दवाएं आवश्यक सूची में शामिल होंगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आवश्यक दवाओं (ईएमएल) और बच्चों के लिए आवश्यक दवाओं (ईएमएलसी) की सूची में संशोधन कर इन सभी दवाओं को नई सूची में स्थान दिया है। सदस्य देशों के साथ इसे साझा करते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नई सूची का उद्देश्य स्पष्ट नैदानिक लाभ दिखाने वाली नवीन दवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ाना है। डब्ल्यूएचओ समय-समय पर आवश्यक दवाओं की सूची में संशोधन कर इसे अपने सदस्य देशों के साथ साझा करता है, जिसमें दक्षिण पूर्व एशिया से भारत भी शामिल है।

28 लाख से ज्यादा मरीजों को फायदा
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. अरविंद बताते हैं कि मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) तंत्रिका तंत्र की एक पुरानी और दुर्बल करने वाली बीमारी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनियाभर में करीब 28 लाख मरीज इससे ग्रसित हैं। ऐसे में इस बीमारी की दवाओं को आवश्यक सूची में शामिल करने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। हाल ही में तीन दवाएं क्लैड्रिबिन, ग्लैटीरेमर एसीटेट और रीटक्सिमैब सामने आई हैं जो बीमारी को धीमा करने में असरदार हैं। डब्ल्यूएचओ ने इन्हीं तीनों दवाओं को सूची में शामिल किया है।

इन दवाओं को भी सूची में किया गया शामिल
हृदय और रक्त वाहिकाओं से जुड़े रोगों की रोकथाम के लिए कई दवाएं आवश्यक सूची में शामिल हैं, लेकिन इस बार नई सूची में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले अन्य एजेंट को भी जोड़ा है। संक्रामक रोगों के लिए सेफ्टीलोजेन+ताजोबैक्टम दवा को शामिल किया है। यह एंटीबायोटिक मल्टी-ड्रग प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी है। कैंसर की दो नई दवा शामिल की हैं। कपोसी सारकोमा कैंसर के लिए पेगीलेटेड लिपोसोमल डॉक्सोरूबिसिन और सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने व अस्थि मज्जा पर कैंसर का प्रभाव कम करने के लिए पेगफिलग्रैस्टिम दवा को शामिल किया है।

85 दवाओं पर अंतिम निर्णय
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रॉस अदनॉम गैब्रेयसस ने कहा, बढ़ती कीमतें और आपूर्ति शृंखला में व्यवधान के चलते सभी देशों को गुणवत्ता युक्त आवश्यक दवाओं को सुनिश्चित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ समिति ने इसी साल 24 से 28 अप्रैल के बीच 24वीं बैठक में नई दवाओं पर चर्चा शुरू की। जिनेवा में हुई इस बैठक में करीब 100 से ज्यादा नई बीमारियों और उनकी दवाओं पर विचार किया गया, जिनमें 85 दवाओं पर समिति ने अंतिम निर्णय लिया।

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