ट्रैफिक इंस्पेक्टर-जेओए मामले में हो रहे नित नए खुलासे, अभ्यर्थी ही बन गए दलाल

ट्रैफिक इंस्पेक्टर-जेओए मामले में हो रहे नित नए खुलासे, अभ्यर्थी ही बन गए दलाल

भंग होने से पूर्व हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग से विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता लाने का जिम्मा जिन आला अधिकारी पर था, उन्होंने आंखें मूंदकर काम किया। इसके चलते चयन आयोग की गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद और चपरासियों से लेकर वाहन चालकों ने भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक कर खूब चांदी कूटी।

इसके साथ ही जिन अभ्यर्थियों ने चयन आयोग के इन आरोपी कर्मचारियों से भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र खरीदे, वही अभ्यर्थी बाद में दलाल बनकर पैसे कमाने लग पड़े। एसआईटी की ओर से की गई जांच में ऐसे ही तीन मामले सामने आए हैं। अभी और मामलों की परतें खुलने वाली हैं। भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने से सूबे के लाखों बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है।

अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि आरटीओ कार्यालय धर्मशाला (फ्लाइंग स्क्वायड) में नौकरी करने वाले ट्रैफिक इंस्पेक्टर रवि कुमार ने पहले मुख्य आरोपी उमा आजाद से खुद के लिए एक लाख रुपये में प्रश्नपत्र खरीदा। बाद में अपने दोस्त के लिए कनिष्ठ अभियंता सिविल भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र का जुगाड़ करवाया। इसके चलते रवि के खिलाफ अब दो एफआईआर दर्ज हैं।

दूसरे मामले में चयन आयोग के समीप ढाबा चलाने वाले सोहन सिंह ने पहले अपनी धर्मपत्नी शैलजा के लिए पोस्ट कोड 936 जेओए आईटी का प्रश्नपत्र खरीदा और बाद में कंप्यूटर ऑपरेटर, जूनियर ऑडिटर और सचिवालय लिपिक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र का सौदा कर धन एकत्रित किया। सोहन सिंह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।

इसी तरह मुख्य आरोपी उमा आजाद की पड़ोसी नीतू डोगरा ने पहले अपने भाई गोपाल पठानिया के लिए जेओए आईटी का प्रश्नपत्र खरीदा और बाद में राज्य बिजली बोर्ड में लाइनमैन भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र अन्य अभ्यर्थियों को उपलब्ध करवाया। मुख्य आरोपी उमा आजाद ने भी अपने बड़े बेटे नितिन को हिमाचल प्रदेश कृषि एवं विपणन बोर्ड में नीलामीकर्ता और छोटे बेटे निखिल और भांजी ममता के लिए जेओए आईटी का प्रश्नपत्र का जुगाड़ किया।

बाद में आधा दर्जन से अधिक भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की सौदेबाजी कर चांदी कूटी। 23 दिसंबर 2022 को विजिलेंस ने पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में सिर्फ संजीव कुमार को दलाल की श्रेणी में रखा था। लेकिन वर्तमान में सोहन सिंह समेत तीन अन्य आरोपियों की भूमिका दलाल की श्रेणी में काम करते हुए सामने आई है। दलाल संजीव कुमार और सोहन सिंह अभी तक सलाखों के पीछे हैं, जबकि अन्य दो जमानत पर रिहा हो चुके हैं।

जांच में सामने आया है कि जिन अभ्यर्थियों ने पहले खुद के लिए प्रश्नपत्र का जुगाड़ किया था, बाद में उन्होंने अन्य अभ्यर्थियों के लिए भी प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाए। एसआईटी हर पहलू को ध्यान में रखकर आगामी कार्रवाई कर रही है। -राहुल नाथ, एसपी विजिलेंस

Related posts