जाफराबाद में निर्माणाधीन मकान जमींदोज

नई दिल्ली। जाफराबाद इलाके में शुक्रवार देर रात चार मंजिला निर्माणाधीन इमारत जमींदोज हो गई। हादसे में ठेकेदार की मौत हो गई, जबकि 16 मजदूर जख्मी हो गए। घायलों में तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। शनिवार को दिन भर घटनास्थल से मलबा हटाने का काम चलता रहा।
हादसा जाफराबाद के 12ए/107, गली नंबर-2, विजय मोहल्ला, मौजपुर में हुआ। मकान पुरानी दिल्ली निवासी मेराजुद्दीन का है। मकान में काफी समय से बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर बना था। डेढ़ माह पहले मेराजुद्दीन ने अवैध तरीके से बिना पिलर के तीन मंजिलें बना दीं। मकान में 16 मजदूर प्लास्टर और टाइल लगाने का काम कर रहे थे। स्थानीय निवासी अखिलेश ने बताया कि पिछले तीन-चार दिन से मकान में हल्की दरार आना शुरू हुई थी। शुक्रवार दोपहर अचानक चौड़ी दरार आ गई और मकान सामने की ओर झुक गया। स्थानीय लोगों ने फौरन पुलिस के अलावा एमसीडी को सूचना दी। मुआयना करके एमसीडी अधिकारियों ने शुक्रवार शाम मकान मालिक को नोटिस देकर 72 घंटे के अंदर मकान तोड़ने का आदेश दिया। मेन रोड पर मकान होने की वजह से एहतियात के तौर पर सड़क को एक साइड से बंद कर दिया गया। कुछ पुलिस कर्मियों को भी वहां तैनात कर दिया गया। इस बीच मेराजुद्दीन ने काम रहे मजदूरों से चौथी और तीसरी मंजिल की कुछ दीवारें तोड़ने के लिए कहा। इस बीच रात करीब 2:00 बजे मकान भरभराकर गिर गया। ठेकेदार और सभी मजदूर उसमें दब गए। सूचना पाकर पुलिस दमकल विभाग, सिविल डिफेंस और स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य किया। सुबह सात बजे तक मलबे से 16 लोगों को निकाला गया, जिसमें ठेकेदार फुरकान (55) की मौत हो गई। घायलों का जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मकान मालिक फिलहाल फरार है। जाफराबाद थाना पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

घायलों की सूची
इलियास (45), मो. अख्तर (48), मो. शमशुल (32), सनोवर (38), हसन अली (19), अहमद सईद (21), रियासत (24), अब्दुल हसन (30), नवाब अली (36), मो. इकबाल (25), मो. शमशाद (24), मो. इशान (20), इकराम (19), असलम (25), अरमान (19) और समद (24) अन्य जिसके नाम का खुलासा नहीं हो पाया।

पुलिस और एमसीडी की घोर लापरवाही
नई दिल्ली। हादसे में दिल्ली पुलिस और एमसीडी की घोर लापरवाही सामने आई है। शुक्रवार शाम इमारत में दरारें आने के बाद वह बाहर की ओर झुक गई थी। तभी से तय था कि किसी भी वक्त इमारत गिर सकती है। बावजूद इसके एमसीडी ने इमारत को गिराने का जिम्मा मकान मालिक को ही सौंप दिया। एमसीडी अधिकारी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर खुद इमारत गिराते तो शायद यह हादसा नहीं होता। जाफराबाद निवासी अंजुम जाफरी ने बताया कि रात करीब 12:45 बजे वह मकान के सामने से गुजर रहे थे। इस बीच मकान से आवाज आई और छज्जे के सपोर्ट के लिए लगी बल्ली निकलकर दूर जा गिरी। अंजुम ने देखा कि वहां ऊपर मजदूर काम कर रहे थे। उसने वहां बैठे पुलिसकर्मियों से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने उससे सवाल-जवाब शुरू कर दिया और कुछ ही देर बाद हादसा हो गया।

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