जलोड़ी दर्रे को भेदकर बनेगी टनल, औट-बंजार-सैंज हाईवे का सपना होगा पूरा

जलोड़ी दर्रे को भेदकर बनेगी टनल, औट-बंजार-सैंज हाईवे का सपना होगा पूरा

कुल्लू
एनएच प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए सभी प्रक्रियाओं को तेज कर दिया है। हाईवे के डबललेन के निर्माण का दूसरा चरण औट से घियागी तक होगा।

चार दशक से देखा जा रहा जलोड़ी दर्रा टनल और औट-बंजार-सैंज हाईवे का सपना अब सच होने की उम्मीद जगी है। पहले चरण में औट-बंजार-सैंज डबललेन हाईवे-305 का निर्माण कार्य सैंज से कांडूगाड़ तक किया जाएगा। एनएच प्राधिकरण ने टनल के साथ हाईवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के साथ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका जिम्मा शिमला की एक कंपनी को दिया गया है।

बताया जा रहा कि जब तक जलोड़ी दर्रा को भेदकर बनने वाली टनल का फाइनल सर्वे और डीपीआर तैयार नहीं होती, तब तक हाईवे को कांडूूगाड़ तक ही तैयार किया जाएगा। खास बात है कि इसमें लुहरी और आनी बाजार को नहीं छेड़ा जाएगा और यहां से डबललेन हाईवे का निर्माण वामतट होकर किया जाएगा। इससे बजट भी बचेगा और लोगों को भी प्रभावित नहीं होना पड़ेगा। एक साथ जलोड़ी टनल और हाईवे निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से न केवल बाह्य सराज आनी-निरमंड के साथ रामपुर, किन्नौर, शिमला, कुमारसैन के लोगों को कुल्लू-मनाली आने-जाने में आसानी होगी, बल्कि पर्यटन को भी नए पंख लगेंगे।

एनएच प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए सभी प्रक्रियाओं को तेज कर दिया है। हाईवे के डबललेन के निर्माण का दूसरा चरण औट से घियागी तक होगा। करीब 97 किलोमीटर लंबे औट-लुहरी-सैंज हाईवे डबलेलन बनने से कुल्लू से आनी का सफर आरामदायक और पांच घंटे से कम होकर मात्र तीन घंटे का रह जाएगा। बसें भी सात घंटे की जगह मात्र चार घंटे में कुल्लू से आनी पहुंच जाएंगी।

एनएच प्राधिकरण के सहायक अभियंता डीएस शर्मा ने कहा कि सैंज से कांडूगाड़ हाईवे को डबललेन बनाने की डीपीआर और भूमि अधिग्रहण का कार्य छह माह में तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि आनी 7 लुहरी बाजार से हाईवे का निर्माण वामतट से होगा।

पहले चरण में औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 डबललेन का निर्माण सैंज से कांडूगाड़ के बीच होगा। इसके बाद घियागी से औट तक का निर्माण कार्य दूसरे चरण में किया जाएगा। घियागी से कांडूगाड़ से आगे टनल के दोनों मुहानों तक भी डबललेन हाईवे बनेगा। यह काम भी टनल की डीपीआर बनने के बाद होगा। – केएल सुमन, अधिशासी अभियंता एनएच प्राधिकरण

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