छात्र शिकायत निवारण कमेटियों का होगा गठन, शिक्षा निदेशालय ने जारी किया पत्र

छात्र शिकायत निवारण कमेटियों का होगा गठन, शिक्षा निदेशालय ने जारी किया पत्र

प्रदेश के सभी निजी-सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र शिकायत निवारण कमेटियों का गठन किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में अपीलीय समितियां भी गठित की जाएंगी। यूजीसी के निर्देशानुसार उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेज प्रिंसिपलों को पत्र जारी किए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के प्रतिनिधियों को छात्र शिकायत निवारण कमेटियों के अध्यक्ष या सदस्यों के रूप में नियुक्त करना अनिवार्य किया गया है। यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को नए मानदंडों का पालन करने के लिए कहा है।

संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्र शिकायत निवारण समिति का कम से कम एक सदस्य या उसकी अध्यक्ष एक महिला होगी। कम से कम एक सदस्य या अध्यक्ष अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग से होगा। ये कमेटियां सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी छात्र के साथ जाति, पंथ, धर्म, भाषा, जातीय, लिंग या विकलांगता के आधार पर भेदभाव न हो। विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कॉलेजों / संस्थानों के छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति के प्रावधान को भी बरकरार रखा गया है। लोकपाल 10 वर्ष के अनुभव के साथ एक सेवानिवृत्त कुलपति / सेवानिवृत्त प्रोफेसर या पूर्व जिला न्यायाधीश होगा।

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