छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने मारा छापा संस्थान निकला फर्जी

ऊना
ऊना में सीबीआई का छापा
ऊना में सीबीआई का छापा
बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने अब ऊना के एक और शैक्षणिक संस्थान पर छापा मारा। छानबीन में पाया गया कि बीए, बीकॉम, इंजीनियरिंग समेत कई डिग्री-डिप्लोमा कराने वाला संस्थान मात्र तीन कमरों में चल रहा है, वह भी बिना मान्यता के। इस संस्थान के बाहर शिमला के नाइनेट इंस्टीट्यूट का बोर्ड लगाया गया था जिसे सीबीआई की टीम ने उखाड़ लिया है।

इसके अलावा टीम ने छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं। संस्थान के संचालक और स्टाफ को लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई के शिमला कार्यालय में तलब किया है। इस संस्थान पर वर्ष 2013-14 से 2016-17 के बीच चार सत्रों में 1,44,81,006 रुपये की छात्रवृत्ति को गलत तरीके से हासिल करने के आरोप हैं। सीबीआई टीम यहां पिछले दो दिनों से डटी हुई है।

शुक्रवार को विद्यार्थियों, कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की। जिन छात्रों से पूछताछ की उन्हें यह तक नहीं पता कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली है। वे संबंधित कोर्स का सिलेबस तक नहीं जानते हैं। बुधवार को सीबीआई टीम इसके लिए शिमला लौट आएगी। सीबीआई की टीम ने डीएसपी बलबीर शर्मा की अगुवाई में यह कार्रवाई की है। इसमें इंस्पेक्टर विजय कुमार और वीरेंद्र कश्यप भी शामिल रहे।

पैसा लेकर बिना संस्थान आए दिए डिग्री-डिप्लोमा

सीबीआई की जांच में पता चला है कि कई छात्रों से डिग्री और डिप्लोम कोर्स के लिए पैसों का लेन-देन किया गया है। ऐसे छात्रों को बिना संस्थान में आए डिप्लोमा जारी कर दिए गए। इसमें एजेंट की प्रमुख भूमिका रहती थी। इसके साथ ही हर एडमिशन की बाकायदा कमीशन भी मिलती थी।
अब तक दो दर्जन संस्थानों में दबिश, तीन गिरफ्तार
इससे पहले सीबीआई ने केसी ग्रुप पंडोगा के खिलाफ जांच को पूरा किया। इसमें ग्रुप के वाइस चेयरमैन सहित तीन लोग गिरफ्तार किए हैं। सीबीआई संस्थानों की लंबी फेहरिस्त की वजह से एक-एक कर जांच कर रही है। इसके बाद हर मामले की अलग-अलग चार्जशीट दायर की जाएगी। सीबीआई ने मामले की जांच शुरू होने पर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के 22 संस्थानों में दबिश दी थी। यहां से दस्तावेजों काे कब्जे में लेने के बाद जांच शुरू की थी।

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