चौबीस घंटे पानी की सप्लाई के टेंडर की तैयारी

शिमला। नगर निगम की जल एवं सीवरेज शाखा की आउटसोर्सिंग को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। आउटसोर्सिंग के लिए दोबारा नए सिरे से टेंडर की तैयारी है। एमसी का दावा है कि आउटसोर्सिंग के बाद राजधानी के लोगों को चौबीस घंटे पानी की सप्लाई मुहैया कराई जाएगी। टेंडर के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं, एक साल पूर्व भाजपा सरकार ने भी यह फैसला लिया था लेकिन विरोध के चलते यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई थी।
पानी और सीवरेज आउटसोर्सिंग की योजना करीब ढाई सौ करोड़ की है। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण योजना के तहत पानी और सीवरेज व्यवस्था को तेईस साल तक ठेके पर दिया जाना प्रस्तावित है। बीते वर्ष कैबिनेट ने जून में योजना को मंजूर किया था। जुलाई में टेंडर आमंत्रित किए गए। इस दौरान सिंगल बीड आई, जिसे राज्य सरकार के ध्यानार्थ भेजा गया। अगस्त में सरकार ने सिंगल बीड को नामंजूर कर दिया और दोबारा टेंडर आमंत्रित करने के आदेश दिए। दिसंबर में दोबारा टेंडर मांगे गए लेकिन एक ही कंपनी ने ठेका लेने के लिए टेंडर भरे। इसे कैबिनेट में कांग्रेस सरकार ने खारिज कर दोबारा से टेंडर आमंत्रित करने के आदेश दिए हैं। आयुक्त नगर निगम अमरजीत सिंह का कहना है कि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार ही योजना पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
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आउटसोर्सिंग से लाभ
24 घंटे शहर में पानी की सप्लाई दी जाएगी
पाइपों की लीकेज को दूर किया जाएगा।
मासिक बिलिंग को सुनिश्चित किया जाएगा
सभी वार्डों में सीवरेज की नई लाइनें बिछाई जाएंगी
सीवरेज पंपिंग स्टेशन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को सुधारा जाएगा
सीवरेज लाइन से महरूम वार्डों में लाइनें बिछाई जाएंगी
(निगम आयुक्त अमरजीत सिंह के अनुसार)
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यह होगा नुकसान
220 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ने की संभावना
शहर में पानी की दरें पहले के मुकाबले बढ़ सकती हैं
ठेके पर योजना देने से निजी कंपनी के पास चले जाएंगे सभी अधिकार
कंपनी घाटा सहने के बजाय आम आदमी पर डालेगी बोझ
(जल एवं सीवरेज शाखा यूनियन के महासचिव दिनेश चंद्र के अनुसार)

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