चीन के तीन दिवसीय दौरे पर एस. जयशंकर, चीनी विदेश मंत्री वांग यी से की मुलाकात

एस जयशंकर और वांग यी
एस जयशंकर और वांग यी

खास बातें

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशान से मुलाकात की है।
  • जयशंकर सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संपर्क पर उच्च स्तरीय तंत्र की दूसरी बैठक की सह अध्यक्षता करने के लिए चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।
  • उनकी यात्रा के दौरान इस साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे के इंतजाम को अंतिम रूप देने सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की है। इससे पहले उन्होंने वहां के उपराष्ट्रपति वांग किशान से मुलाकात की थी। जयशंकर सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संपर्क पर उच्च स्तरीय तंत्र की दूसरी बैठक की सह अध्यक्षता करने के लिए चीन की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।

जयशंकर ने वांग यी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की। जयशंकर ने उपराष्ट्रपति से कहा कि दो साल पहले अस्ताना में हम एक आम सहमति पर पहुंचे थे, कि ऐसे समय में जब दुनिया अधिक अनिश्चित है, हमारा संबंध मजबूत रहना चाहिए।

मैं आज वुहान शिखर सम्मेलन के बाद आने पर बहुत खुश हूं। जहां वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर हमारे नेताओं के बीच आम सहमति का विस्तार हुआ है। जयशंकर चीनी नेतृत्व के साथ वार्ता के लिए रविवार को चीन पहुंचे थे। उनकी यात्रा के दौरान इस साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे के इंतजाम को अंतिम रूप देने सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद जयशंकर चीन का दौरा करने वाले पहले भारतीय मंत्री हैं। यह दौरा ऐसे वक्त भी हो रहा है, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करते हुए उसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बांट दिया है।

संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के भारत के फैसले के बहुत पहले उनका दौरा तय हो चुका था। राजनयिक से विदेश मंत्री बने जयशंकर 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत रहे थे। किसी भारतीय दूत का यह सबसे लंबा कार्यकाल था। चीनी नेतृत्व के साथ उनकी वार्ता की शुरुआत सोमवार को हुई। आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई है कि किन नेताओं के साथ उनकी बैठक होगी। वह चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

पहली बैठक पिछले साल नई दिल्ली में हुई थी। जयशंकर की यात्रा के दौरान चार सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया वांग के साथ उनकी वार्ता के दौरान राष्ट्रपति के इस साल दूसरी अनौपचारिक वार्ता के लिए दौरे के इंतजामों को अंतिम रूप देने के मुद्दे पर भी बातचीत होगी। वर्ष 2017 में दोकलम में 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद मोदी और शी ने पिछले साल वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता कर द्विपक्षीय संबंधों को गति दी थी। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस साल पहली बार द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर पार करने की संभावना है।

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