चरस तस्करी के आरोपी को किया बरी

मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर यह आदेश दिए। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आरके शर्मा के न्यायालय ने जिला कुल्लू की बंजार तहसील के बरनाली गांव निवासी गंगा राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 जनवरी 2009 को औट थाना पुलिस का दल लारजी डैम के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान पैदल आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने आरोपी को काबू करके शक के आधार पर उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से ढाई किलो चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए गए। बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नीरज कपूर का इस मामले में कहना था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए हैं, जिससे आरोपी पर अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों से संदेश की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

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