गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में सीबीआई, फोरेंसिक विशेषज्ञों के बयान से मामला कठघरे में

शिमला
गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी अनिल उर्फ नीलू
गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी अनिल उर्फ नीलू – फोटो : फाइल फोटो
राजधानी शिमला से करीब 60 किलोमीटर दूर कोटखाई के दांदी जंगल में जुलाई 2017 को हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट में गुजरात के गांधीनगर के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने रिपोर्ट और बयान दिया है कि इस मामले में आरोपी एक से ज्यादा होने की आशंका है। वहीं, सीबीआई करीब एक साल तक जांच के बाद एक चिरानी अनिल उर्फ नीलू को गिरफ्तार करके मामले को सुलझा चुकी है। विशेषज्ञों के इस बयान से अब सीबीआई जांच कठघरे में है।

बचाव पक्ष के वकील की ओर से चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत में फोरेंसिक विशेषज्ञों से क्रॉस सवाल किए गए। फोरेंसिक साइंस लैब गांधीनगर के सहायक निदेशक एचवी आचार्य और साइकलॉजिकल डिविजन की सहायक निदेशक हेमांगी शाह का क्रॉस परीक्षण किया गया। जब कोर्ट में आचार्य से यह पूछा गया कि क्या आप अपनी रिपोर्ट में इस बात पर स्टैंड लेते हैं कि इस अपराध को एक से अधिक लोगों ने अंजाम दिया तो इस पर उन्होंने ‘हां’ कहा।

मदद सेवा ट्रस्ट ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

गुड़िया मामले में यह नया घटनाक्रम सामने आने के बाद मदद सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष तनुजा थापटा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे सीबीआई जांच पर सवाल खड़ा हो रहा है।

पीएमओ को पहले भी इस बारे में पत्र भेजा जा चुका है कि यह अधूरी जांच की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि इस मामले की न्यायिक जांच  जाए। किसी जज की अध्यक्षता में टीम हिमाचल भेजी जाए। इस तमाम प्रकरण की छानबीन कर गुड़िया को न्याय दिलाया जाए।

क्या है मामला
दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा गुड़िया (काल्पनिक नाम) अपने स्कूल से 4 जुलाई 2017 को करीब साढे़ चार बजे घर को निकली, लेकिन वह घर नहीं पहुंची। उसका मृत शरीर निर्वस्त्र अवस्था में छह जुलाई को हलाइला के पास जंगल में मिला। इस मामले की जांच सीबीआई की दिल्ली से आई विशेष अपराध शाखा को सौंपी गई।

सीबीआई ने इस मामले में करीब सवा चार फुट के एक चिरानी अनिल को अपराधी बताते हुए कोर्ट में चालान पेश किया। इसी मामले से जुडे़ पुलिस हिरासत में हुए सूरज हत्याकांड में आईजी, एसपी समेत कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ गुड़िया मामला एक बहुत बड़ा मुद्दा बना था।

Related posts