क्यूरेटिव या दया याचिका दायर की गई तो निर्भया के दोषियों की फांसी एक बार फिर टल जाएगी

नई दिल्ली

nirbhaya case
निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने से पहले नियमों के तहत 14 दिन का समय दिया गया है। दोषी पवन के पास अब भी क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने के विकल्प हैं। इस अवधि में उसकी ओर से क्यूरेटिव या दया याचिका दायर की गई तो डेथ वारंट कानूनी तौर पर फिर से स्थगित हो जाएगा और फांसी एक बार फिर टल जाएगी।पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान पवन के वकील रवि काजी ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि क्यूरेटिव या दया याचिका कब दायर की जाएगी, लेकिन बताया जा रहा है कि यह लगभग तय है। फांसी को थोड़ा और आगे ले जाने के लिए पवन इन विकल्पों का इस्तेमाल करेगा। निर्भया के बाकी तीन दोषियों विनय, मुकेश और अक्षय के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं। इसलिए अब सबकी निगाहें पवन पर टिकीं हैं।इससे पहले वकील एपी सिंह ने कानूनी विकल्पों का सहारा लेते हुए कोर्ट से जारी 7 जनवरी और 17 जनवरी के दो डेथ वारंट को स्थगित कराया था। पहले डेथ वारंट के तहत दोषियों को 22 जनवरी और दूसरे के तहत 1 फरवरी को फांसी होनी थी। दोनों बार दोषियों की याचिकाएं लंबित होने के कारण पटियाला हाउस कोर्ट ने खुद ही कानून के तहत डेथ वारंट पर रोक लगाई थी। नए डेथ वारंट के तहत चारों दोषियों को 3 मार्च को फांसी होनी है। इस बीच अगर पवन की ओर से क्यूरेटिव या दया याचिका दायर होती है तो डेथ वारंट पर अदालत को फिर से रोक लगानी पड़ेगी।यह है जेल का नियम
जेल नियम के तहत एक अपराध में एक साथ दोषी ठहराए जाने वालों को एक साथ ही फांसी देने का प्रावधान है। इसके साथ ही जब भी दोषियों को फांसी पर लटकाने की तिथि तय की जाती है तो अदालत की ओर से उन्हें कानूनी विकल्पों के उपयोग के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है। इस दौरान दोषी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका या राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर कर सकता है। किसी भी दोषी की कोई याचिका लंबित न हो, तभी उनके खिलाफ डेथ वारंट जारी किया जा सकता है।फांसी की तैयारी में जुटा जेल प्रशासन
निर्भया के चारों दोषियों के नए डेथ वारंट जारी होने के बाद एक बार फिर जेल प्रशासन फांसी की तैयारी में जुट गया है। अदालत के आदेश की कॉपी मंगलवार को चारों दोषियों पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को सौंपी जाएगी। चारों तिहाड़ जेल नंबर-3 के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद हैं।

इनके डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल संख्या-3 की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बाहरी लोगों को पूरी जांच के बाद ही भीतर जाने की अनुमति दी जा रही है। ऐसे लोगों की जानकारी जेल मुख्यालय को भी दी जा रही है और व्यक्ति का पूरा ब्यौरा लिया जा रहा है। जेल के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दोषियों से फिर से उनके परिवार को अंतिम बार मिलने के बारे में पूछा जाएगा। इनको फांसी देने वाले जल्लाद को तिहाड़ जेल भेजने के लिए यूपी के जेल विभाग को पत्र लिखा जाएगा। पत्र में फांसी की तारीख बताकर जल्लाद को दो दिन पहले भेजने का अनुरोध किया जाएगा। मंगलवार को जेल के अधिकारी एक बार फिर फांसीघर का निरीक्षण करेंगे।

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