क्या पता था रास्ते में ही खड़ी है मौत

मनाली पहुंचने से पहले ही समा गए मौत के आगोश में
कुल्लू। मनाली घूमने की हसरत लिए आए हैदराबाद के वीएनआर विज्ञान ज्योति इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के दो दर्जन बच्चों और उनके एक कोआर्डिनेटर को क्या मालूम था कि वे कभी मनाली नहीं जा पाएंगे। इंस्टीट्यूट के ये बच्चे शिमला घूमने के बाद मनाली घूमने जा रहे थे। इन लोगों का मनाली स्थित त्रिशूल होटल में ठहरने का कार्यक्रम था। इंस्टीट्यूट के करीब 48 विद्यार्थियों समेत स्टाफ के 66 लोगों का दल मनाली घूमने जा रहा था। 48 विद्यार्थियों में 13 लड़कियां और 35 लड़के थे।
रविवार शाम करीब पौने छह बजे दो बसों में सवार इंस्टीट्यूट के विद्यार्थी थलौट के समीप सालीशाला में रुके। यहां पर ये सभी लोग ब्यास नदी के समीप फोटो खिंचवाने और पानी से खेलने के लिए निकल गए। जब ये लोग गए थे, उस समय पानी बहुत कम था लेकिन करीब 6.15 बजे लारजी डैम से पानी छोड़ा गया। 6.30 बजे के करीब इस दल के 24 विद्यार्थी और एक कोआर्डिनेटर पानी के तेज बहाव में बह गए। टूअर मैनेजर कृष्णा ने बताया कि वे दो बसों में 48 विद्यार्थियों समेत 66 लोग मनाली घूमने जा रहे थे लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।

Related posts