क्या अव्यवस्था का शिकार हुआ एएसआई!

सोलन। ईवीएम सुरक्षा में तैनात एएसआई क्या प्रशासनिक अव्यवस्था का शिकार बना? क्या किसी अन्य अधिकारी ने अब निलंबित हुए एएसआई की पहले ड्यृूटी किसी अन्य विंग में लगाई थी? कहीं यह ड्यूटी ट्रैफिक विंग में तो नहीं थी?
एएसआई रैंक के अधिकारी की गैरहाजिरी का खुलासा और सस्पेंशन होने के बाद पुलिस गलियारों में यह प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं। कयास यहां तक लगाए जा रहे हैं कि किसी रसूखदार का चालान करने की सजा एएसआई को सस्पेंशन के रूप में मिली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक संबंधित एएसआई की तैनाती इससे पहले ट्रैफिक विंग में थी। चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक अफसर ने मौखिक रूप से ड्यूटी लगा दी। बाकायदा ट्रैफिक के दौरान चालान संबंधित एएसआई ने कुछ चालान भी काटे हैं।
उधर, पुलिस अधीक्षक सोलन पीके ठाकुर ने सब चर्चाओं को कोरी बकवास करार दिया है। उन्होंने कहा कि चर्चाएं जो भी हों, हकीकत यह है कि चुनावी ड्यूटी में कोताही हुई है। चुनाव के दौरान फोर्सेस भारत निर्वाचन आयोग के अधीन काम करती हैं। ईवीएम गार्द में पुलिस की तैनाती में किसी तरह के बदलाव का अधिकार मात्र एसपी को है। उनकी तरफ से इस तरह के कोई भी आदेश जारी नहीं हुए हैं। चालान और ट्रैफिक विंग को लेकर सभी बातें मनगढंत हैं। कोताही पर नियमानुसार कार्रवाई हुई है।

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