कोरोना 290 गांवों को छू भी नहीं पाया, बाहर से प्रवेश की अनुमति नहीं

कोरोना 290 गांवों को छू भी नहीं पाया, बाहर से प्रवेश की अनुमति नहीं

नाहन/हमीरपुर/बिलासपुर
भले ही कोरोना के मामले और मौतें चिंता बढ़ा रही हों, लेकिन प्रदेश के 290 ऐसे गांव हैं जहां आज तक एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ है। इसका कारण ग्रामीणों का समय रहते जागरूक होना है। ज्यादातर गांवों में लोगों ने अपने स्तर पर नाके लगाकर बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री पर रोक लगा रखी है। 

ग्रामीण न खुद बाहर जाते हैं और न ही किसी को गांव में आने देते हैं। कई गांवों में तो रिश्तेदारों को भी नहीं बुलाया जा रहा है। सभी तरह के कार्यक्रम बंद कर दिए गए हैं। कुछ पंचायतें निगेटिव रिपोर्ट लाने की शर्त पर ही प्रवेश दे रही हैं। हिमाचल की 3226 पंचायतों में करीब 21 हजार से ज्यादा गांव हैं। इनमें वहीं गांव सुरक्षित बचे हैं जो खुद सुरक्षा को लेकर आगे आए हैं। कुल्लू जिले की 235 पंचायतों के करीब 100 गांवों में कोराना छू तक नहीं पाया है।  

सिरमौर जिले की 42 पंचायतों के 120 गांवों में भी एक भी मामला नहीं आया है। इन गांवों के बाशिंदों ने कोरोनाकाल में सजगता और जागरूकता की मिसाल पेश की है। इन गांवों के जनप्रतिनिधियों ने खुद पाबंदियां लगाने के साथ सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी करवाया। बिलासपुर के 176 पंचायतों के 21 गांवों में कोई मामला नहीं आया है जबकि 25 पंचायतें कोरोना मुक्त हो चुकी हैं। जिला हमीरपुर के 11 गांवों, कांगड़ा के 8, सोलन के सात, चंबा के पांच गांवों के लोगों ने भी कोरोना को अपने क्षेत्र में घुसने नहीं दिया। ऊना और मंडी जिले के तकरीबन सभी गांव संक्रमित हो चुके हैं। 

पांच नगर निगमों के सभी वार्डों में संक्रमण के मामले
शिमला के 34 वार्डों, मंडी के 15, धर्मशाला के 15, पालमपुर के 15 और सोलन के 15 वार्डों में से एक भी ऐसा नहीं है जहां कोरोना का मामला न आया हो। शुरुआत में गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा संक्रमण फैला। यही कारण है कि आईजीएमसी शिमला, मंडी का नेरचौक मेडिकल कॉलेज और कांगड़ा का टांडा मेडिकल कॉलेज ज्यादातर समय कोरोना मरीजों से पैक ही रहे।

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