कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण खुद ही चौकीदार बन गए

 दौलतपुर चौक (ऊना)
पहरा देते लोग
हिमाचल के ऊना जिले में गगरेट की गणु मंदवाड़ा पंचायत में कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण खुद ही चौकीदार बन गए हैं। गांववासी रास्तों में अस्थायी बैरिकेड्स लगाकर ठीकरी पहरा दे रहे हैं, जिससे कोई अजनबी उनके गांव में न घुसे। गणु मंदवाड़ा हिमाचल का अंतिम गांव है, जिसका अधिकतर हिस्सा पंजाब सीमा से सटा है।

हालांकि, मरवाड़ी में पुलिस बैरियर है और पुलिस पूरी मुस्तैदी से हर आने-जाने वाले पर नजर रख रही है, लेकिन उक्त गांव मरवाड़ी बैरियर को क्रॉस करने के बाद आता है। पड़ोसी राज्य पंजाब के लोग आसानी से इस गांव में आवागमन कर सकते हैं। स्थानीय लोगों में नरेश कुमार, सतीश, यशमेर, सुरेश, विनय राणा, गौरव, रणजीत सिंह, संग्राम सिंह और सुरजीत आदि ने बताया कि स्वां नदी और पंजाब बॉर्डर से सटे उनके गांव में आसानी से लोग घुस जाते हैं। इसके चलते वार्ड नंबर-1 में उन्होंने आने-जाने वाले रास्तों को लकड़ी, पोल डंडों के अस्थायी बैरिकेड्स लगाए हैं।

बताया कि पंजाब में वैसे भी कोरोना पीड़ितों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में कोई संदिग्ध न घुसे, इसके लिए उन्होंने अपने स्तर पर सुरक्षा इंतजाम किए हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि टोल टैक्स बैरियर पर भी चौकसी बढ़ाई जाए। गौरतलब है कि ऊना में नकड़ोह की मस्जिद में रह रहे तीन लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यही वजह है कि लोग सतर्क हो गए हैं और ठीकरी पहरा दे रहे हैं।

क्षेत्र में आधा दर्जन मस्जिदें
पंजाब सीमा से सटे दौलतपुर चौक क्षेत्र में आधा दर्जन मस्जिदें हैं। इनमें बाहरी लोगों का आना-जाना रहता है। इस वजह से लोग सतर्क होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। गणु मंदवाड़ा पंचायत प्रधान अशोक कुमार ने कहा कि उनका गांव पंजाब सीमा से सटा है। कोरोना की दहशत के चलते किसी भी अवांछित व्यक्ति की घुसपैठ रोकने को उन्होंने रास्तों में अस्थायी बैरिकेड्स लगाए हैं। सोशल डिस्टेंस

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