कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के हो सकते हैं ये दो प्रमुख कारक, जानिए कैसे रहें सुरक्षित :

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के हो सकते हैं ये दो प्रमुख कारक, जानिए कैसे रहें सुरक्षित :

नई दिल्ली
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार अब काफी धीमी पड़ चुकी है। पिछले एक हफ्ते से रोजाना संक्रमण के आंकड़े 1 लाख से कम आ रहे हैं। इसी क्रम में कई राज्यों में लगी पाबंदियों में ढील दी जाने की शुरुआत भी हो चुकी है। हालांकि संभावित तीसरी लहर की आशंका अब भी लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। तीसरा लहर अब आएगी, यह कितनी गंभीर होगी और किन लोगों को इससे विशेष सावधान रहने की जरूरत है, सभी लोगों के दिमाग में इस तरह के सवाल चल रहे हैं। 
कुछ रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकती है, हालांकि एम्स ने इस तरह की आशंका को नकारा है। रविवार को दिल्ली एम्स के प्रोफेसर ने कोरोना की तीसरी लहर के संभावित कारक और इससे बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी। आइए इस लेख में जानते हैं।

इन दो कारकों के बारे में जानिए
रविवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसन के सहायक प्रोफेसर नीरज निश्चल ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के कारकों के बारे में जानकारी दी। प्रो. नीरज कहते हैं, ‘कोरोना की संभावित तीसरी लहर मुख्यरूप से दो महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करेगी- पहला वायरस से संबंधित और दूसरा मानव-संबंधी। वायरस में होने वाला म्यूटेशन और उससे जनित जटिलताएं हमारे हाथ में नहीं हैं लेकिन मानव-संबंधी कारकों को हम अपने प्रयासों से दूर कर सकते हैं। 

कैसे करें बचाव
प्रो. नीरज बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को कोविड से बचाव के बताए गए नियमों का सख्ती से पालन करते रहना होगा। इसमें की गई लापरवाही के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अच्छी तरह से और कसे हुए मास्क पहनना, हाथों की साफ-सफाई रखना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना हर समय आवश्यक है। इन उपायों को नियमित रूप से प्रयोग में लाकर संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। 

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान वायरस में म्यूटेशन के कारण लोगों को तमाम तरह की शारीरिक समस्याओं जैसे हृदय-फेफड़ों के रोग और ऑक्सीजन सेचुरेशन में गिरावट जैसी गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

कब तक आ सकती है तीसरी लहर
दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल के डॉ. (लेफ्टिनेंट जनरल) वेद चतुर्वेदी बताते हैं, ‘वायरस में म्यूटेटेशन के मामले सामने आ रहे हैं, इस वजह से तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। यह कब तक आएगी, इस बारे में निश्चित कहा नहीं जा सकता है। कई देशों में फिर से कोरोना के मामलों में इफाजे की खबरें सामने आ रही हैं। भारत में दूसरी लहर के दौरान लगाई गई पाबंदियों में ढील दी जाने की शुरुआत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में सरकार और लोगों की जिम्मेदारी है कि कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। अगर नियमों का सही ढंग से पालन किया जाए तो कोरोना की तीसरी लहर को रोका या उसके असर को कम जरूर किया जा सकता है। वैक्सीन इस दिशा में बड़ा काम कर सकती है। सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा साबित होगी।

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