कोरोना की दो वैक्सीन के सैंपल फेल, सीडीएल कसौली में हुई जांच, बाजार में नहीं आएगी

कोरोना की दो वैक्सीन के सैंपल फेल, सीडीएल कसौली में हुई जांच, बाजार में नहीं आएगी

सोलन
देश में कोरोना की वैक्सीन के दो सैंपल फेल हो गए हैं। सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने वैक्सीन के संबंधित बैच बाजार में उतारने पर रोक लगा दी है। वैक्सीन के सैंपल सीडीएल कसौली में जांच के दौरान वैक्सीन मानकों पर खरे नहीं उतरे। सैंपल फेल होने पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। कंपनी को वैक्सीन के सैंपल फेल होने के बाद नोटिस जारी कर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। अब तक देश में कोरोना वैक्सीन के पांच सैंपल हो फेल हो चुके हैं, जिन्हें सीडीएल ने ग्रीन टिक नहीं दिया।

गौर रहे कि देशभर में तैयार करने समेत आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को बाजार में उतारने से पहले उसकी क्वालिटी और कंट्रोल चेक किया जाता है। इसके लिए देशभर से बैच सीडीएल कसौली जांच के लिए आते हैं। जांच के बाद सैंपल सही पाए जाने के बाद सीडीएल बैच को ग्रीन टिक देता है। इसके बाद वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बैच बाजार में उतारती हैं। सीडीएल कसौली ने अभी तक कोविशील्ड, को-वैक्सीन, स्पूतनिक-वी, जॉनसन एंड जॉनसन, कोर्बीवैैक्स, जायडस कैडिला, जायकॉव-डी, मोर्डना और कोवावैक्स समेत 12 से 15, 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को लगने वाली वैक्सीन को जांच के बाद पास किया है। वैक्सीन के दो सैंपलों के फेल होने की पुष्टि सीडीएल कसौली की आधिकारिक वेबसाइट ने की है।

रोटा वायरस वैक्सीन का भी एक सैंपल फेल
रोटा वायरस वैक्सीन का भी एक सैंपल फेल हुआ है। सीडीएल कसौली में इस वैक्सीन के सैंपल फेल होने का यह पहला मामला है। रोटा वायरस संक्रमण ज्यादातर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाता है। यह खांसने व छींकने से एक-दूसरे को फैलता है। इसके लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त, उल्टी व पेट दर्द के समान होते हैं।

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