केंद्र को लोगों की आवाज सुननी पड़ेगी, यह हिटलर का जर्मनी नहीं है : कैप्टन

केंद्र को लोगों की आवाज सुननी पड़ेगी, यह हिटलर का जर्मनी नहीं है : कैप्टन

चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ रहे आर्थिक और सैनिक संबंध को भारत की कूटनीतिक असफलता करार दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान संकट को सुलझाने में देरी से केंद्र सरकार पाकिस्तान को राज्य में बढ़ रही बेचैनी का फायदा उठाने की इजाजत दे रही है। 

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील की है कि यदि किसी अन्य कारण से नहीं तो कम-से-कम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में कृषि कानून रद्द किए जाएं। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र सरकार को हठ और अहंकार छोड़ने और तुरंत कृषि कानून वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह हिटलर का जर्मनी नहीं और न ही माओ जेदोंग का चीन है। लोगों की आवाज सुननी पड़ेगी। 

कैप्टन ने कहा कि आप यह क्यों नहीं सोचते कि ऐसे दौर में पाकिस्तान क्या करेगा? मुख्यमंत्री ने इतिहास से सबक सीखने पर जोर देते हुए चेतावनी दी कि पाकिस्तान पंजाब में नौजवानों में पाई जा रही नाराजगी का फायदा उठाएगा। जैसा वह पिछले समय में भी करता आया है। किसानों का आंदोलन तेज होने के बाद ड्रोनों द्वारा पंजाब में हथियारों की तस्करी बढ़ने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या दिल्ली सो रही है? राजनीति में अपने 52 वर्षों के तजुर्बे का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद के सिर उठाने का दौर भी देखा है और पंजाब के मुख्यमंत्री की हत्या भी। 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक और सैन्य संबंध के कारण आज स्थिति बहुत खराब है जो भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बेशक भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने में समर्थ है लेकिन सवाल तो यह है कि भारत सरकार मुल्क के दो बड़े दुश्मनों को एकजुट होने की इजाजत क्यों दे रही है?’ उन्होंने कहा कि यदि जंग होती है और पाकिस्तान व चीन एक हो जाएंगे और पंजाब जंग के मोर्चे पर होगा क्योंकि इसकी पाकिस्तान से 600 किलोमीटर लंबी सरहद लगती है। 

मेरा तजुर्बा मेरी सबसे बड़ी ताकत : कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनके राज्य को चलाने और सेना में रहने का तजुर्बा उन्हें 2022 से आगे राज्य की चुनौतियों का मुकाबला करने में मददगार साबित होगा। एक कार्यक्रम के दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री ने सी-वोटर सर्वेक्षण, जिसमें 2022 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के आगे होने की बात कही थी, को नकारते हुए कहा कि यह केजरीवाल का भाड़े का सर्वेक्षण है। 

आप नेता के पास मीडिया का बहुत बड़ा बजट है, जिसका प्रयोग वह ऐसे सर्वेक्षण खरीदने के लिए कर सकते हैं। केजरीवाल की पार्टी से पंजाब में कांग्रेस को कोई खतरा नहीं है। इसी कंपनी ने 2016-17 में आप को 100 सीटें आने की भविष्यवाणी की थी और सब जानते हैं कि आखिरकार उनको कितनी सीटें हासिल हुईं। केजरीवाल और उनकी पार्टी का हाल 2022 में भी यही होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों में फूट है और कोई भी उनको एकजुट नहीं रख सकता। बड़े बादल अपनी उम्र के कारण अब पार्टी का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं हैं। भाजपा की पंजाब में संभावना पर उन्होंने कहा कि कौन सी भाजपा। पार्टी का राज्य में कोई अस्तित्व नहीं है। भाजपा बौखलाहट में आकर शिअद के साथ फिर से जुड़ सकती है।

‘पंजाब मेरे दिल में बसता है’
कैप्टन ने कहा कि पंजाब मेरे दिल में बसता है। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व करने की उनकी योग्यता के बारे में पूछे जाने पर कैप्टन ने कहा कि चाहे हर कोई अकेला ही सक्षम नहीं होता लेकिन उनका मानना है कि वे पंजाब की मदद कर सकते हैं।

उनको राज्य खासकर कृषि क्षेत्र संबंधी मसलों से निपटने का तजुर्बा है, क्योंकि 1985 से जब भी उनको पद की सेवा निभाने का मौका मिला है, वे कृषि के विकास के लिए काम करते रहे हैं। पिछले चार साल से सत्ता में उनकी पार्टी ने 84.6 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे कर दिए हैं, जिससे देश में पंजाब ने रिकॉर्ड कायम किया है। कोविड के कारण एक साल के दौरान हुए घाटे के बावजूद पंजाब ने यह रिकॉर्ड हासिल किया है। 

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