शिमला
हिमाचल में बाढ़ नियंत्रण पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रदेश में बाढ़ से हर साल कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचता है। नदियों-खड्डों के किनारे बाढ़ से कई जिलों में भूमि कटाव हो रहा है। किसानों की फसल नष्ट हो जाती है। खासकर बरसात के दिनों में किसानों के अलावा सरकारी भूमि बाढ़ की जद में आकर बह जाती है।
इससे बचने के लिए प्रदेश सरकार ने बाढ़ नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार के पास एक ने 3500 करोड़ का प्रोजेक्ट भेजा गया है। हालांकि, सरकार अभी तक करोड़ों रुपये बाढ़ नियंत्रण के लिए व्यय कर चुकी है लेकिन, कि सानों को अभी तक पूरी तरह से राहत नहीं मिली है।
सरकार चाहती है कि जिन क्षेत्रों में नदियों और नालों में बाढ़ आने से अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, वहां बाढ़ नियंत्रण के लिए प्राथमिकता में कारगर कदम उठाए जाएं। प्रदेश के बागवानी एवं जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर कहते हैं कि प्रदेश में 3500 करोड़ के प्रोजेक्ट से किसानों की कृषि योग्य भूमि को बाढ़ से बचाया जाएगा।