कृषकों ने मक्की के प्रमाणीकरण बीज पर उठाए सवाल, किसानो ने की मुआवज़े की मांग

कृषकों ने मक्की के प्रमाणीकरण बीज पर उठाए सवाल, किसानो ने  की मुआवज़े की मांग

प्रदेश के जिला सोलन के अर्की में किसानों को बेचा गया मक्की का प्रमाणित बीज खराब निकला। 35 किसानों ने इस बीज की बिजाई की थी, लेकिन बीज उगा ही नहीं। कृषकों ने इस बीज के प्रमाणीकरण पर सवाल उठाए हैं और मुआवजे की मांग की है। वहीं, मामला सामने आने पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी जांच बैठा दी है।  अर्की के इस क्षेत्र के किसान कृषि फसलों को उगाने के लिए पूरी तरह बारिश पर निर्भर हैं।

ये किसान खरीफ मौसम में मक्की  उगाते हैं। अपने घर की मक्की का साल भर खाद्यान्न के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इन्होंने दो महीने पहले कृषि विक्रय केंद्र धुंदन से मक्की का बीज लिया। बिजाई के दो महीने बाद भी यह  नहीं उगा तो किसानों ने कृषि अधिकारियों और कंपनी के ध्यान में यह मामला लाया। सीएम कार्यालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कृषि विभाग को इसकी जांच करने के लिए कहा। गौर हो कि 11 किसानों ने कॉल कर बारी-बारी से यह शिकायत की।

आठ-दस सूचीबद्ध कंपनियां सोलन जिले में करती हैं बीज की आपूर्ति
उप निदेशक डॉ. डीपी गौतम ने कहा कि यह बीज आमतौर पर हैदराबाद से आता है। करीब आठ-दस सूचीबद्ध कंपनियां सोलन जिले में इस बीज की आपूर्ति करती हैं। सोलन में 100 क्विंटल बीज आया है। शिकायत धुंदन को भेजे 15 क्विंटल बीज की ही आई है। नौ किसान लिखकर दे चुके हैं कि वे कंपनियों के देय मुआवजे को लेने के लिए तैयार हैं।

हर किसान का करीब 40 हजार का नुकसान हुआ
द्रुमण गांव के दौलत राम ने बताया कि उन्होंने करीब दो महीने पहले 385 रुपये में पांच किलो बीज लिया था। 10 और 11 जून को उन्होंने बिजाई की थी। दो-ढाई बीघा में इसे बीजा, लेकिन फसल नहीं उगी। उन्हें सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद अर्की से एक फोन आया और उन्हें मुआवजा देने की बात कर रहे हैं। गांव बानन के रविंद्र वशिष्ठ ने कहा कि उन्होंने बीज कृषि विक्रय केंद्र धुंदन से लिया था। इसकी बिजाई तीन बीघा में की थी, लेकिन एक भी दाना नहीं उगा। 30 से 40 हजार का नुकसान हुआ है।

मुआवजे की पेशकश कर चुकी कंपनी, नौ किसान माने 
अर्की के विषयवस्तु विशेषज्ञ डॉ. अरुण ने कहा कि यह बीज जिस कंपनी से आया था, उसमें एक लॉट पंद्रह क्विंटल का आया। यह बीज अर्की और धुंधन में दिया। धुंधन में जो बीज दिया, वह ज्यादातर नहीं उगा। 30 से 35 लोगों की शिकायत आई है। कंपनी से बात हुई कि वह मुआवजा देगी। पांच किलो बीज ढाई बीघा में बीजा जाता है। ट्रैक्टर से बिजाई का दो घंटे में एक हजार रुपये खर्च आता है। इसलिए कंपनी 1500-1500 रुपये मुआवजे की पेशकश कर चुकी है। 1100 नंबर पर 11 लोगों ने शिकायत की है। नौ लोग मुआवजे के लिए माने हैं।

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