प्रदेश की सीमा पर कम से कम एक आधुनिक सब्जी मंडी का निर्माण किया जाए ताकि बाहरी राज्यों के खरीददार फसल खरीदने पहुंच सकें। इससे बागवानों का आर्थिक शोषण बचेगा और तैयार फसलों का अच्छा दाम मिल सके। एक छत के नीचे विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध हो। संघ ने सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि बागवानी क्षेत्र को अधिक लाभकारी बनाने के लिए एंटीहेल नेट के स्थायी ढांचे बनाने को 80 फीसदी उपदान की व्यवस्था की जाए।
बागवानी क्षेत्र से सरकार को हर साल होने वाली आय का 25 फीसदी हिस्सा रिसर्च कार्यों में खर्च किया जाए ताकि प्रदेश के बागवानों को नवीनतम तकनीक उपलब्ध कराया जाए। प्रूनिंग के दौरान सेब की कटी टहनियों को काटकर खाद बनाने के संयंत्रों पर अस्सी फीसदी उपदान देने की व्यवस्था की जाए। विदेशों से आयात फलों, फूलों और सब्जियों के बीचों की नर्सरी प्रदेश में तैयार करने के लिए भी बजट प्रावधान करें।
प्रदेश सरकार से नए बजट में सोलर बाड़ को इंटर लिंक चेन प्रणाली और अल्ट्रा वायर प्रणाली से जोड़ने के लिए विशेष बजट प्रावधान किया जाए। इसके स्वचालित ग्रेडिंग और पैकिंग, छोटे सीए स्टोर स्थापित करने के लिए वित्तीय मदद दी जाए ताकि गांवों के पास फसलों की पैकिंग और भंडारण की व्यवस्था की जा सके। प्लास्टिक क्रेट पर भी उपदान देने की व्यवस्था सरकार करे।