किसानों का एक फरवरी का संसद कूच स्थगित, 30 जनवरी को रखेंगे उपवास

किसानों का एक फरवरी का संसद कूच स्थगित, 30 जनवरी को रखेंगे उपवास

सोनीपत (हरियाणा)
किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस पर बवाल व लाल किला पर झंडा फहराने पर खेद जताया
पंजाब की किसान-मजदूर संघर्ष समिति व दीप सिद्धू को बवाल के लिए जिम्मेदार ठहराया
सरकार व दिल्ली पुलिस पर लगाए आरोप, कहा- इस तरह के षडचंत्र से पीछे नहीं हटेंगे 
विस्तार
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने के दौरान दिल्ली में बवाल और लालकिला पर धार्मिक झंडा फहराने की घटना के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने एक फरवरी का संसद कूच स्थगित कर दिया है। अब किसान 30 जनवरी को उपवास रखेंगे और आंदोलन को इस तरह ही जारी रखेंगे। उधर, किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस की घटना पर खेद जताया है और उसके लिए कई नेताओं ने माफी भी मांगी। इसके लिए पंजाब की किसान मजदूर संघर्ष समिति व दीप सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया तो सरकार व दिल्ली पुलिस पर भी आरोप लगाए गए। 

किसान नेता डॉ. दर्शनपाल, योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवल, गुरनाम चढूनी, हन्नान मोला, शिवकुमार कक्का, जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि उन सभी ने बैठक करके गणतंत्र दिवस की घटना पर चर्चा की। इस मामले में कई तरह के सुबूत किसानों के पास हैं जो सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करते हैं। इसके चलते किसानों ने तय किया है कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर वह उपवास रखकर घटना का प्रायश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही बैठक कर अगले आंदोलन की रणनीति की घोषणा की जाएगी।

दीप सिद्धू के सामाजिक बहिष्कार की अपील 
किसानों ने दीप सिद्धू के सामाजिक बहिष्कार की अपील की है। उन्होंने कहा कि सच्चाई जनता के सामने है और देश देख रहा है कि कौन क्या कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों को लाल किला तक का रास्ता दिया। किसानों ने कहा कि दिल्ली पुलिस को समय और ट्रैक्टरों की संख्या को लेकर कोई लिखित प्रस्ताव नहीं दिया गया था। 

किसान संगठनों ने एकजुटता का एलान करते हुए कहा कि वह अपने निर्णय पर अडिग हैं और इस तरह के षडयंत्र से आंदोलन किसी भी हाल में समाप्त नहीं होगा। इसके साथ ही किसानों के 32 संगठनों ने बैठक कर यह तय किया है कि जल्द ही अगली रणनीति घोषित होगी। वहीं मुकदमे पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह इस तरह के मुकदमे से नहीं डरते। वह हर मुकाबले के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार व पुलिस ने किसानों के साथ धोखा किया।

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