कांग्रेस निर्मित विस भवन में बैठेगी सरकार

धर्मशाला। प्रदेश की दूसरी राजधानी कहलाने वाले धर्मशाला में विधानसभा की शुरुआत ऐतिहासिक और रोचक है। कांग्रेस ने अपने पूर्व कार्यकाल में यहां स्थित डिग्री कालेज में विधानसभा का सत्र कराकर इतिहास रचा था। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ही नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने 2005 में कालेज के हाल में विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आयोजन किया तो यहां की फिजाओं में सियासी गरमाहट आ गई। दरअसल इस सत्र के दौरान ही तपोवन में विधानसभा के आलीशान भवन के निर्माण की नींव रख दी गई थी। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2006 में इस भवन में उस वक्त पहले सत्र का आगाज किया जब यह भवन अभी निर्माणाधीन ही था।
तुरत-फुरत में आयोजित हुए इस सत्र के चलते मुख्यमंत्री वीरभद्र और कांग्रेस सरकार विपक्षी भाजपा के निशाने पर रहे। उस वक्त विधानसभा का हाल और महज चार कमरे ही पूरे हुए थे। मंत्रियों और विधायकों के केबिन अभी निर्माणाधीन ही थे। लेकिन भवन का निर्माण पूरा होते ही कांग्रेस का तख्त पलट गया। 2007 में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अस्तित्व में आई और तपोवन में धूमल सरकार को जनवरी 2008 में विधानसभा का सत्र करवाने का अवसर प्राप्त हुआ। उसके बाद हर वर्ष विधानसभा के शीतकालीन सत्र का यहां आयोजन होता रहा है। यह दूसरा मौका होगा, जब कांग्रेस सत्ता में होते ही यहां न केवल दूसरे शीत सत्र का आयोजन करेगी। बल्कि नवनिर्वाचित विधायकों को भी शपथ दिलाई जाएगी।

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