कांग्रेस के बागी विधायकों पर क्रॉस वोटिंग मामले में लगे करोडो लेने के आरोप, भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों की भूमिका की होगी जाँच

कांग्रेस के बागी विधायकों पर क्रॉस वोटिंग मामले में लगे करोडो लेने के आरोप, भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों की भूमिका की होगी जाँच

हिमाचल में चल रहे राजनीतिक घमासान में रोज कोई न कोई नया मोड़ आ रहा है।

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा ने करोड़ों रुपये का लेनदेन किया। यह आरोप कांग्रेस के दो विधायकों सीपीएस संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ की ओर से दर्ज करवाई एफआईआर में किया गया है। एफआईआर में दर्ज इन बिंदुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

इनमें कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के साथ देखे गए भाजपा के विधायकों और पदाधिकारियों के खिलाफ सबूत एकत्रित करना जांच टीम की प्राथमिकता रहेगी। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज की मदद, मोबाइल लोकेशन और दूसरे माध्यमों से भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों को साजिश में शामिल होने के पक्के साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जब चार्टर्ड फ्लाइट से कांग्रेस के छह अयोग्य घोषित और तीन निर्दलीय विधायकों इंद्रदत लखनपाल, सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, होशियार सिंह, केएल ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, आशीष शर्मा को चंडीगढ़ से देहरादून ले जाया जा रहा था तो उस समय भाजपा के दो विधायक विक्रम ठाकुर और त्रिलोक जम्वाल भी उनके साथ थे। जिस कंपनी के चार्टर्ड प्लेन में 11 लोग गए, उनसे पूरा विवरण एकत्रित किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए छानबीन का जिम्मा एसपी शिमला ने अपने तीन पुलिस अफसरों को सौंपा है।

भाजपा पर ये हैं संगीन आरोप
भाजपा पर करोड़ों के लेनदेन, हेलिकाप्टरों का इस्तेमाल, पांच और सात सितारा होटलों में ठहरने की व्यवस्था में किया गया खर्च और सुरक्षा बलों के दुरुपयोग का आरोप है। इन सब से साफ संकेत मिलते हैं कि भाजपा के विधायकों और पदाधिकारियों की विधायक आशीष शर्मा और अयोग्य घोषित विधायक चैतन्य के पिता राकेश शर्मा के साथ आपराधिक संलिप्तता है।

एफआईआर में लगे इन संगीन आरोपों की पुलिस जांच कर रही है। हालांकि, मामले में कितनी सच्चाई है यह छानबीन के बाद ही पता चल पाएगा। एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि मामले की छानबीन के लिए वरिष्ठ अफसरों की तीन सदस्यीय टीम बनाई है।

सरकार अल्पमत में, विधायकों को डराने का हो रहा प्रयास

 जिस प्रकार से सरकार ने बजट पारित होने से पहले 15 भाजपा विधायकों को वोटिंग प्रक्रिया से बाहर किया वह साफ दिखता है कि सरकार की मंशा क्या है। सरकार गलत प्रकार से केस बनाकर विधायकों को डराने का प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं और सत्य से दूर हैं। वर्तमान कांग्रेस सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। सभी ने देखा है कि किस प्रकार से एक-एक विधायक के साथ 15-15 पुलिस कर्मी लगाए जा रहे हैं। उनके घर के बाहर पहरेदारी लगाई जा रही है। यह साफ दर्शाता है कि सरकार में विश्वसनीयता नाम की चीज नहीं है। सरकार अल्पमत में है। केवल सरकार का दुरुपयोग करते हुए विधायकों पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।– नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

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